तृणमूल का दमघोंटू माहौल किसी प्राइवेट लिमेटिड कंपनी से भी बदतर : मुकुल रॉय

Bengal Chunav, Trinamool Congress, Mukul Roy: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस की कोई रचनात्मक विचारधारा नहीं है. टीएमसी का गठन माकपा के विरोध और कांग्रेस के विरोध के आधार पर हुआ था. चूंकि पार्टी की कोई रचनात्मक विचारधारा नहीं है, यह पार्टी जल्दी ही बिखर जायेगी. उन्होंने टीएमसी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जैसा बताया.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 18, 2020 3:11 PM

कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस की कोई रचनात्मक विचारधारा नहीं है. टीएमसी का गठन माकपा के विरोध और कांग्रेस के विरोध के आधार पर हुआ था. चूंकि पार्टी की कोई रचनात्मक विचारधारा नहीं है, यह पार्टी जल्दी ही बिखर जायेगी. उन्होंने टीएमसी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जैसा बताया.

श्री रॉय ने कहा कि ममता बनर्जी नीत पार्टी के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना करने के सिवाय कोई एजेंडा नहीं है. गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर 1998 में टीएमसी का गठन किया था और वर्ष 2011 में बंगाल की सत्ता पर काबिज हुई थी.

तृणमूल ने 34 साल से सत्ता पर काबिज वाम मोर्चा को पराजित किया था. श्री रॉय ने दावा किया, ‘पार्टी में सब कुछ ममता बनर्जी पर केंद्रित होता है. जो भी अच्छा होता है, उसका श्रेय उन्हें दिया जाता है. ऐसे में कोई भी वास्तविक आत्मसम्मान वाला राजनीतिक शख्स, जिसके पास सालों का जमीनी स्तर का अनुभव है, उसका पार्टी में दम घुटना तय है और दमघोंटू माहौल किसी प्राइवेट लिमेटिड कंपनी से बदतर हो सकता है.’

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मुकुल रॉय को कभी बनर्जी का दायां हाथ माना जाता था. उन्होंने वर्ष 2017 में पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा का दामन थाम लिया था. उन्होंने कहा, ‘बांग्ला कांग्रेस की तरह ही टीएमसी को भी शुरुआत में सफलता मिली, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चलेगी. यह निकट भविष्य में बिखर जायेगी.’

श्री रॉय का बयान ऐसे समय में आया है, जब शुभेंदु अधिकारी जैसे टीएमसी नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है. कांग्रेस नेता अजॉय मुखर्जी ने पार्टी से अलग होकर बांग्ला कांग्रेस का गठन किया था, जिसने 1967 और 1970 के बीच माकपा के साथ मिलकर दो बार सरकार बनायी. दोनों ही सरकारें ज्यादा समय तक चल नहीं पायीं थीं. पार्टी का बाद में कांग्रेस में विलय कर दिया गया था.

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Posted By : Mithilesh Jha

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