डीजीपी के खिलाफ शुभेंदु की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

एकल न्यायाधीश पीठ, जिसने पहले अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया था, बाद में इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 22, 2023 5:49 PM

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उनकी अवमानना याचिका खारिज करने के कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी की अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवलिया से कहा कि वह इस याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे. पीठ ने शुभेंदु के अधिवक्ता पीएस पटवालिया को याचिका वापस लेने के लिए प्रेरित करते हुए कहा, ”इसमें नहीं, किसी बेहतर मामले में हमारे पास आएं.”“याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया ने विशेष अनुमति याचिका वापस लेने के लिए अदालत से अनुमति मांगी है. विशेष अनुमति याचिका वापस ली गई मानकर खारिज की जाती है.

शुभेंदु अधिकारी की अपील पर विचार करने से किया इनकार

कलकत्ता हाइकोर्ट ने सात नवंबर, 2022 को शुभेंदु अधिकारी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने शपथ पत्र देने के बावजूद पिछले साल सात जनवरी को नौ लोगों की हत्या की बरसी पर पश्चिम मेदिनीपुर जिले के नेताई गांव का दौरा करने की अनुमति नहीं देने के लिए पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय और आईपीएस अधिकारी विश्वजीत घोष और कल्याण सरकार सहित अन्य के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी.

Also Read: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बड़ी घोषणा, मनरेगा के तर्ज पर ‘खेला हाेबे’ योजना की होगी शुरुआत
एकल न्यायाधीश पीठ ने अवमानना याचिका पर नोटिस किया था जारी

एकल न्यायाधीश पीठ, जिसने पहले अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया था, बाद में इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि राज्य द्वारा “सख्त अर्थों में” वचन का जानबूझकर उल्लंघन किया गया था. उच्च न्यायालय ने कहा था कि अन्य कथित अवमाननाकर्ताओं द्वारा मैदान पर की गई कार्रवाई के लिए डीजीपी स्वचालित रूप से उत्तरदायी नहीं हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए शुभेंदु अधिकारी की याचिका खारिज कर दी.

Also Read: अब शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ FIR के लिये अदालत की अनुमति अनिवार्य नहीं, लेकिन रखना होगा पर्याप्त सबूत

Next Article

Exit mobile version