Paush Purnima 2024: पौष पूर्णिमा कब है? जानें सही डेट-शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Paush Purnima 2024: पौष पूर्णिमा पर स्नान, दान, जप और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिलता है, इस दिन सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व है.

By Radheshyam Kushwaha | January 15, 2024 12:19 PM

Paush Purnima 2024 Date: हिन्दू पंचांग के पौष मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है. पूर्णिमा की तिथि चंद्रमा को प्रिय होती है और इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है, इस बार पौष पूर्णिमा 25 जनवरी दिन गुरुवार को मनाई जाएगी. पौष पूर्णिमा के दिन स्नान-दान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है. पौष पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा स्नान का बड़ा महत्व होता है. पौष पूर्णिमा पर स्नान, दान, जप और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिलता है, इस दिन सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व है. पौष पूर्णिमा की व्रत और पूजा विधि इस प्रकार है.

पौष पूर्णिमा व्रत 2024 का शुभ मुहूर्त

पौष पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 24 जनवरी की रात 09 बजकर 52 मिनट पर हो रही है. वहीं पौष पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 25 जनवरी की रात 11 बजकर 26 मिनट पर होगी. पौष पूर्णिमा पर पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. 25 जनवरी को सूर्योदय के बाद से ही पूरे दिन पूजा-पाठ की जा सकती है. इस दिन का शुभ मुहूर्त यानि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक है.

पूजा विधि

  • पौष पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें.

  • पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें.

  • स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.

  • स्नान से निवृत्त होकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए और उन्हें नैवेद्य अर्पित करना चाहिए.

  • किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देनी चाहिए.

  • दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रूप से देने चाहिए

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पौष पूर्णिमा का महत्व

पौष मास सूर्य देव का माह कहलाता है, इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है. पौष का महीना सूर्य देव का माह है और पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि है. सूर्य और चंद्रमा का यह अद्भूत संगम पौष पूर्णिमा की तिथि को ही होता है, इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है.

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