हनुमान चालीसा और अजान विवाद पर पद्मश्री अनूप जलोटा ने कहा- दोनों सुरीले, बस तेज आवाज का पक्षधर नहीं

एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा क‍ि तब और अब में कितना फर्क है, ये आप खुद महसूस कर सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि जहां पर कार्यक्रम की प्रस्‍तुति देने के लिए वे आए हैं, वहां पर सामने रामगढ़ताल झील मरीन ड्राइव जैसा अहसास देती है. गोरखपुर के जिस इलाके में गुंडई हुआ करती थी, वहां अब मेला लगता है.

By Prabhat Khabar | May 2, 2022 6:43 AM

Gorakhpur News: हनुमान चालीसा और अजान को लेकर छिड़े विवाद में मायानगरी के साथ बॉलीवुड की एंट्री भी हो गई है. भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने इस पर दो टूक अपनी बात को रखा है. उन्‍होंने कहा कि अजान में भी सुर बसते हैं. कान्‍हा बांसुरी लिए तान लगाते हैं. हमारे यहां हनुमान चालीसा और अजान दोनों ही संगीत के माध्‍यम से प्रस्‍तुत किया जाता है. हनुमान चालीसा और अजान दोनों ही सुरीले हैं. दोनों का ही बहुत महत्‍व है. हमारे देश में बहुत अच्‍छा कानून है. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च कहीं भी तेज आवाज नहीं होनी चाहिए. आवाज उतनी ही रखें जिससे माधुर्यता बनी रहे. किसी दूसरे को इससे तकलीफ न हो.

‘गोरखपुर से खुद का 40 साल पुराना नाता बताया’

गोरखपुर के बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में देर शाम स्‍वर सागर संगीत विद्यालय की ओर से आयोजित बचपन से पचपन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें अपने भजन से लोगों को मंत्रमुग्‍ध करने आए अनूप जलोटा ने गोरखपुर से खुद का 40 साल पुराना नाता बताया. स्‍वर सागर संस्‍था की अध्‍यक्ष और अधिवक्‍ता सुनीषा श्रीवास्‍तव की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के पहले उन्‍होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे भजन गाना पसंद करते हैं. वे भजन गायक हैं. भजन तेज आवाज में बजा दिया जाए, तो किसी के भी कान को तकलीफ हो सकती है. वे भी 10 बजे तक गाते हैं, तो कहा जाता है कि बहुत अच्‍छा गा रहे हैं. उसके बाद गाएंगे, तो पुलिस आ जाएगी. वे स्‍वयं कह देते हैं कि समय हो गया. इतनी ही सीमा निर्धारित है. कार्यक्रम अब बंद करें. वे भक्ति संगीत के साथ राष्‍ट्र प्रेम के गीत भी गाते हैं जिससे राष्ट्र के प्रति लोगों का प्रेम भी बढ़ता जाए. लोग अपने देश को उतना ही प्‍यार करें. यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की भी खुलकर तारीफ की. उन्‍होंने कहा कि वे 40 वर्ष से गोरखपुर को देख रहे हैं. 10 साल पहले जो गोरखपुर आया हो, उसे यहां ले आइए तो उसे पता नहीं चलेगा कि ये वही शहर है. इतना गोरखपुर तरक्‍की कर चुका है.

‘पूरे विश्‍व में गोरखपुर चर्चा का केन्‍द्र बना’

एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा क‍ि तब और अब में कितना फर्क है, ये आप खुद महसूस कर सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि जहां पर कार्यक्रम की प्रस्‍तुति देने के लिए वे आए हैं, वहां पर सामने रामगढ़ताल झील मरीन ड्राइव जैसा अहसास देती है. गोरखपुर के जिस इलाके में गुंडई हुआ करती थी, वहां अब मेला लगता है. मुंबई जैसा एहसास हो रहा है. वे गोरखपुर दूरदर्शन में एक रिकार्डिंग करके आ रहे हैं. यहां के लोकल कलाकारों के साथ कार्यक्रम रिकार्ड किए हैं. कम समय में गोरखपुर ने बहुत तरक्‍की है. पूरे विश्‍व में गोरखपुर चर्चा का केन्‍द्र बना हुआ है. वे कहते हैं कि कमाल ही हो गया है. उन्‍हें अपनी आंखों पर विश्‍वास ही नहीं हो रहा है कि ये वही गोरखपुर है.

सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ की तारीफ की

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के शासनकाल में गोरखपुर की तस्‍वीर बदल गई है. उन्‍होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की वजह से गोरखपुर का नाम हो रहा है. गोरखपुर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो रहा है. पद्मश्री अनूप जलोटा ने कहा कि उनका गोरखपुर वे 40 साल से आ रहे हैं. उनके परिवार का ही एक रेस्‍टोरेंट है. उनके भाई अतुल मलहोत्रा का यहां पर रेस्‍टोरेंट है. जहां पर खाना बहुत अच्‍छा बनता है. वे वहां पर खाना खाने के लिए जाते रहे हैं. इसके साथ ही वे यहां पर बहुत अच्‍छे गायक रहे हैं, उस्‍ताद राहत अली. उन्‍हें सुनने के लिए आते रहे हैं.

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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