Maha Navami 2022 Date, Kanya Puja LIVE Updates: महानवमी पूजा का मुहूर्त कब तक? जानें कन्या पूजा की विधि

Maha Navami 2022 Date, Puja Muhurat LIVE Updates: पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि आज 4 अक्टूबर, मंगलवार को पड़ रही है. आइए जानते हैं नवमी के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और इस दिन कौन से 3 काम करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

By Shaurya Punj | October 4, 2022 9:25 AM

मुख्य बातें

Maha Navami 2022 Date, Puja Muhurat LIVE Updates: पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि आज 4 अक्टूबर, मंगलवार को पड़ रही है. आइए जानते हैं नवमी के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और इस दिन कौन से 3 काम करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

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महानवमी 2022 शुभ मुहर्त

3 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 37 मिनट पर नवमी तिथि शुरू हुई जो 4 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट तक रहेगी. हिंदू पंचांग के अनुसार महानवमी 4 अक्टूबर मंगलवार को दोपहर 1.32 बजे तक हवन का शुभ मुहूर्त है. वहीं सुबह 9.10 बजे से साढ़े 11 बजे के बीच स्थिर लग्न में भी हवन काफी लाभकारी है. हवन का तीसरा शुभ मुहूर्त सुबह साढ़े 11 बजे से दोपहर डेढ़ बजे है. नवमी तिथि के समापन से पहले हवन करना फलदायी माना गया है.

आज 02:20 बजे तक रहेगी नवमी

नवरात्रि नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा-अर्चना करने के साथ हवन करें. इस दिन कन्या पूजन का भी विधान है. नवमी तिथि के दिन नवरात्रि व्रत का पारण भी किया जाता है. आज दोपहर 02:20 बजे तक रहेगी नवमी, इसके बाद विजयादशमी शुरू हो जाएगा.

करें ये उपाय होगी धन की प्राप्ति

महानवमी नवरात्रि का आखिरी दिन होता है. इस दिन माता रानी अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती है. धन लाभ के लिए आज एक शांत कमरे में उत्तर की दिशा की ओर मुंह करके एक पीले आसन पर बैठें. अब माता रानी की प्रतिमा के सामने 9 दीपक जला लें और दीपक के सामने लाल चावल की एक ढेरी बनाकर उस पर एक श्रीयंत्र रखें. पूजा के बाद इसे घर के मंदिर में स्थापित कर दें. ऐसा करने से आकस्मिक धन की प्राप्ति होगी.

कन्या पूजन के नियम

कन्या पूजन करने से मां भगवती की कृपा प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि इनमें आदि शक्ति का वास होता है. कन्या पूजन के दौरान ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र दो से 10 साल की उम्र के बीच होनी चाहिए. इसके साथ ही एक बालक को जरूर आमंत्रित करें क्योंकि यह बालक बटुक भैरव और लागूंरा का रूप माना जाता है. आदि शक्ति की सेवा और सुरक्षा के लिए भगवान शिव ने हर शक्तिपीठ के साथ-साथ एक-एक भैरव को रखा हुआ है इसलिए देवी के साथ इनकी पूजा भी जरूरी मानी गई है. शक्तिपीठ के दर्शन के बाद अगर भैरव के दर्शन नहीं किए तो मां के दर्शन भी अधूरे माने जाते हैं.

नवमी के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- 04:38 am से 05:27 am
अभिजित मुहूर्त- 11:46 am से 12:33 pm
विजय मुहूर्त- 02:08 pm से 02:55 pm
गोधूलि मुहूर्त- 05:52 pm से 06:16 pm
अमृत काल- 04:52 pm से 06:22 pm
रवि योग- पूरे दिन

नवरात्रि के नौवें दिन कन्या पूजा का है विशेष महत्व


शारदीय नवरात्रि में कन्याओं की पूजा करने से साक्षात् मा दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याएं मां दुर्गा का रूप होती हैं और उनके साथ एक छोटा बालक बटुक भैरव होते हैं. कन्या पूजन करने से परिवार की उन्नति होती है.

मां सिद्धिदात्री का भोग



मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है. मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को नवमी पर इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं.

पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें

  • मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं

  • स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें

  • मां को रोली कुमकुम भी लगाएं

  • मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं

  • मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें

  • मां की आरती अवश्य करें

02 साल से 10 साल तक की कन्याओं को भोजन पर निमंत्रित करें

देवी माता का पूजन करने के बाद अपनी क्षमता के अनुसार 02 साल से 10 साल तक की कन्याओं को भोजन पर निमंत्रित करें.

महानवमी 2022 कन्या पूजा मुहूर्त

04 अक्टूबर को महानवमी को पूरे दिन रवि योग बना है. यह शुभता प्रदान करने वाला योग है. इस दिन चौघड़िया मुहूर्त देखें तो सुबह 09:13 बजे से लेकर दोपहर 01:38 बजे तक शुभ समय है. इस समय में आप कन्या पूजन करके आशीर्वाद प्राप्त करें.

चर-सामान्य 09:13 बजे से 10:41 बजे तक

लाभ-उन्नति 10:41 बजे से 12:10 बजे तक

अमृत-सर्वोत्तम 12:10 बजे से 01:38 बजे तक

पूजा मंत्र

सिद्धगन्‍धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,

सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

हवन साम्रगी

आम की लकड़ियां, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पापल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन का लकड़ी, तिल, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलैठी, अश्वगंधा की जड़, बहेड़ा का फल, हर्रे, घी, शक्कर, जौ, गुगल, लोभान, इलायची, गाय के गोबर से बने उपले, घी, नीरियल, लाल कपड़ा, कलावा, सुपारी, पान, बताशा, पूरी और खीर.

नवमी तिथि के दिन कई जगहों पर लोग पंडालों में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमाएं देखने जाते हैं. वहीं कई जगह आज के दिन नवमी हवन का आयोजन भी कराया जाता . नवमी के दिन लोग अपने घरों में कन्या पूजन करते हैं और उन्हें भोजन कराते हैं. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से कन्या पूजन करने पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

जानिए पूजा विधि

नवमी तिथि के दिन सुबह जल्दी स्नान कर लें और साफ सुथरे कपड़े पहन लें. इसके बाद देवी सिद्धिदात्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित एक चौकी पर स्थापित करें. उसी स्थान पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, की स्थापना भी करें. इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा माता महागौरी सहित समस्त स्थापित देवताओं की पूजा करें. मां सिद्धिदात्री की चार भुजाएं हैं. इनकी दाहिनी ओर की पहली भुजा में गदा और दूसरी भुजा में चक्र है. बांई ओर की भुजाओं में कमल और शंख है. इनका आसन कमल का फूल है. मां सिद्धदात्री की पूजा- अर्चना से वैभव और यश की प्राप्ति होती है. वहीं इस दिन कन्या पूजन के लिए 2 से 10 वर्ष की आयु की कन्याओं को आमंत्रित करें. उन्हें श्रद्धापूर्वक भोजन कराएं. फिर कुछ दक्षिणा या कोई अन्य वस्तु उनको दें.

मां सिद्धिदात्री का मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

मां सिद्धिदात्री की आरती

जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता

तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता,

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि

तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि!!

कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम

जब भी हाथ सेवक के सर धरती हो तुम,

तेरी पूजा में तो न कोई विधि है

तू जगदम्बे दाती तू सर्वसिद्धि है!!

रविवार को तेरा सुमरिन करे जो

तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो,

तुम सब काज उसके कराती हो पूरे

कभी काम उसके रहे न अधूरे!!

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया

रखे जिसके सर पर मैया अपनी छाया,

सर्व सिद्धि दाती वो है भाग्यशाली

जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली!!

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा

महा नंदा मंदिर में है वास तेरा,

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता

वंदना है सवाली तू जिसकी दाता!!

हवन और पूजा का शुभ मुहूर्त

शास्त्रों के अनुसार नवमी तिथि के दिन हवन और कन्या पूजन का विधान है. पंचांग के मुताबिक हवन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 20 मिनट से दोपहर 2 बजकर 21 मिनट तक है. इसके अलावा नवरात्रि व्रत-पारण के लिए शुभ समय दोपहर 2 बजकर 21 मिनट के बाद कर सकते हैं.

नवरात्रि की नवमी पर है हवन का विधान

नवरात्रि की नवमी पर हवन करने का विधान है. इसमें देवी से सहस्त्रनामों का जाप करते हुए हवन में आहूति दी जाती है. मान्यता है नवमी पर हवन करने से नौ दिन के तप का फल कई गुना और शीघ्र प्राप्त होता है.

महानवमी के दिन करें कन्या पूजन

महानवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है. नौ कन्याओं का इस दिन के भोजन के लिए आमंत्रित करना चाहिए. इन सभी को मां दुर्गा के नौ रूप मानकर पूजन किया जाता है. पूजन-भोजन के पश्चात नौ कन्याओं और एक बटुक(बालक) को उपहार भेंट करना चाहिए. कहते हैं कन्या पूजन से पूरे नवरात्रि की पूजा का दोगुना फल मिलता है.

नवरात्रि महोत्सव का समापन दिन होता है नवमी तिथि

अश्विन शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि नवरात्रि महोत्सव का समापन दिन होता है. इस दिन मां दुर्गा के नौवें रूप देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.

महानवमी पर बन रहा ये शुभ योग

महानवमी के दिन रवि व सुकर्मा योग का शुभ संयोग बन रहा है. रवि योग 4 अक्टूबर को पूरे दिन रहेगा. सुकर्मा योग 4 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 23 मिनट के बाद प्रारंभ होगा.

जानें शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:53 से 4:41 तक

प्रातः संध्या: सुबह 5:17 से 6:30 तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:13 से 12:51 तक

रवि योग: पूरे दिन रहने वाला है

अमृत काल: शाम 04:52 से 6:22 तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 2:26 से 3:14 तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:13 से 06:37 तक

नवमी तिथि 2022 पर शुभ मुहूर्त (Maha Navami 2022 Shubh Muhurat)

नवमी तिथि पर नवरात्रि का समापन होता है, इस दिन मां सिद्धिदात्री और दुर्गा माता की पूजा के बाद हवन और कन्या पूजन किया जाता है. नवमी तिथि पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:21 से दोपहर 2:20 तक रहने वाला है. जो भक्त कन्या पूजन के बाद व्रत पारण करना चाहते हैं वह दोपहर 2:20 के बाद व्रत तोड़ सकते हैं.