Lockdown in Bengal : मीट शॉप पर लगे ताले, कुत्तों को खाने के लाले, बंगाल का हाल आप भी जानें

Lockdown in Bengal : रात होते ही कुत्तों के रोने और भौंकने की आवाज तेज हो जाती है. एक साथ गूंजती ये आवाजें अब यह एहसास नहीं करातीं कि किसी अपरिचित को देख कर वे भौंक रहे होंगे.

By Amitabh Kumar | April 9, 2020 6:43 PM

शिव कुमार राउत

कोलकाता : रात होते ही कुत्तों के रोने और भौंकने की आवाज तेज हो जाती है. एक साथ गूंजती ये आवाजें अब यह एहसास नहीं करातीं कि किसी अपरिचित को देख कर वे भौंक रहे होंगे. लॉकडाउन की मार सड़क के आवारा कुत्ते भी झेल रहे हैं. भूख उन्हें चिल्लाने को मजबूर कर रही है कि शायद उनकी वेदना सुन कर कोई निवाला डाल जाये. अब उन्हें चिकन और बिस्कुट खिलाने वाला कोई नहीं है.

कोलकाता के धर्मतला के डेकर्स लेने, हाइकोर्ट, प्रेस क्लब, पुलिस टेंट, टाउन हॉल, टी बोर्ड समेत अन्य इलाकों में कुत्तों की भरमार रहती थी. यहां कई मीट शॉप होने से दिनभर उन्हें कुछ न कुछ खाने को मिलता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण इन इलाकों में दुकानें बंद हैं तो कुत्ते भी पलायन कर गये हैं. नॉनवेज दुकानों के आसपास रहने वाले कुत्तों को चिकन मटन का जूठन तो नसीब नहीं हो रहा है तो अब सूखी रोटी देने वाला भी कोई नहीं है. इस संकट के समय में लोग जहां अपने जरूरत की समान जुटे में लगे हुए हैं, दूसरी ओर नगर निगम के पब्लिक सेफ्टी विंग (हेल्थ) के कोऑर्डिनेटर राजीव घोष निगम के डॉग पॉउंड के कुछ कर्मियों से साथ मिल कर इन बेसहारा जानवरों का सहारा बने हुए हैं.

श्री घोष महानगर के उत्तर व दक्षिण कोलकाता के 14 से अधिक जगहों पर जाकर हर रोज आवारा कुत्तों का पेट भर रहे हैं. श्री घोष ने हमें बताया कि वह निगम के पब्लिक सेफ्टी विंग के कमर्चारियों के साथ मिल कर प्रतिदिन विक्टोरिया के उत्तर व दक्षिण प्रवेश द्वार, कोलकाता प्रेस क्लब, पुलिस टेंट, टाउन हॉल, नेताजी इंडोर स्टेडियम, बैंकशाल कोर्ट, विधानसभा, टी बोर्ड समते अन्य प्रमुख जगहों पर रहने वाले आवारा कुत्तों को भोजन करा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस कार्य में अभिनेता तथागत मुखर्जी, अभिनेत्री देवलीना दत्ता मुखर्जी, श्रीलेखा मित्रा, वार्ड 63 की पार्षद सुष्मिता भट्टाचार्य समेत अन्य कुछ लोगों का सहयोग मिल रहा है. समेत निगम के टीम डॉग पॉउंड का पूरा सहयोग मिल रहा है.

कुत्तों के लिए चिकन चावल की व्यवस्था : उन्होंने बताया कि हर रोज उक्त इलाकों में रहनेवाले कुत्तों को दिन में एक बार चिकन चावल परोसा जा रहा है. इसके लिए प्रतिदिन 65 किलो चावल व करीब 45 किलो चिकन पकाया जाता है. 27 मार्च से यह व्यवस्था की गयी है, जो लॉकडाउन के रहने तक जारी रहेगी.

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