कोडरमा: दुष्कर्म कर हत्या करने के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

अदालत ने यह फैसला आरोपी की गिरफ्तारी के बाद मात्र चार माह के कार्य दिवस में सुनाया़ इससे पहले अदालत ने 15 फरवरी को आरोपी को दोषी ठहराया था. जानकारी के अनुसार वर्ष 2005 में युवती के साथ दुष्कर्म करने और बाद में उसकी हत्या करने को लेकर सतगावां थाना में मामला दर्ज किया गया था.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 17, 2024 11:36 PM

कोडरमा बाजार: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने युवती के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी युवक शिवपुर सतगावां निवासी मुकेश कुमार पिता रक्षा सिंह को धारा 302 आइपीसी के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है़ साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है़ जुर्माना नहीं देने पर आरोपी को अतिरिक्त एक वर्ष कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी़ इसके अलावा अदालत ने आरोपी को 376 आइपीसी में दोषी करार देते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास और 20 हजार का जुर्माना लगाया है़ जुर्माना नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी़ वहीं 449 आइपीसी में दोषी पाते हुए पांच वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार का जुर्माना लगाया गया़ जुर्माना की राशि नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी़ सभी सजा साथ-साथ चलेंगी.

अदालत ने यह फैसला आरोपी की गिरफ्तारी के बाद मात्र चार माह के कार्य दिवस में सुनाया़ इससे पहले अदालत ने 15 फरवरी को आरोपी को दोषी ठहराया था. जानकारी के अनुसार वर्ष 2005 में युवती के साथ दुष्कर्म करने और बाद में उसकी हत्या करने को लेकर सतगावां थाना में मामला दर्ज किया गया था. मृतका की भाभी ने उस समय आवेदन में कहा था कि चार मार्च 2005 को रात्रि में अपने कमरे में सो रही थी़ करीब 4:30 बजे सुबह में बचाओ बचाओ की आवाज पर नींद खुली, तो दौड़ कर गयी, तो देखा कि एक युवक उसके ननद के कमरे से निकल रहा है़ उससे उसे पकड़ने का प्रयास किया. चेहरा देखा, तो बगल का मुकेश कुमार पिता रक्षा सिंह था.

वह मुझे धक्का देकर छत पर से भाग गया़ वह ननद के कमरे में गयी, तो उसे मृत पाया़ उन्होंने पड़ोसी मुकेश पर दुष्कर्म कर हत्या करने का आरोप लगाया था. घटना के बाद आरोपी करीब 18 वर्षों तक फरार रहा. पुलिस उसे 28 जुलाई 2023 को गुजरात से गिरफ्तार कर लायी थी. इसके बाद अदालत में एसटी- 93/2007 के तहत मामले की सुनवाई शुरू की गयी. न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक एंजेलिना वारला ने सभी आठ गवाहों का परीक्षण कराया और अदालत से आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की़ वहीं बचाव पक्ष की ओर से एलएडीसी की डिप्टी चीफ अधिवक्ता किरण कुमारी ने अपनी दलीलें पेश की़ अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और अभिलेख पर साक्ष्यों का अवलोकन करने के पश्चात आरोपी को दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनायी.

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