Jharkhand: पढ़ने आयी पर थी, पर हो रही हूं प्रताड़ित- 18 किमी पैदल चल DC ऑफिस पहुंची छात्राओं ने दर्द किया बयां

कस्तूरबा स्कूल की छात्राओं को किताबें व ड्रेस भी नहीं मिलती हैं. उनसे शौचालय की सफाई करायी जाती है. वे वार्डेन की मनमानी व प्रताड़ना से त्रस्त हैं. पढ़ाई के समय अन्य कार्य कराये जाते हैं.

By Prabhat Khabar | January 17, 2023 8:53 AM

Jharkhand News: खूंटपानी (पश्चिमी सिंहभूम) स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की अव्यवस्था से आक्रोशित इंटर (11वीं) की 61 छात्राएं रविवार रात 1:30 बजे दीवार फांदकर बाहर निकल गयीं. स्कूल में तैनात तीन सुरक्षा कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. ये छात्राएं 18 किमी पैदल चलकर सुबह 7:00 बजे डीसी ऑफिस पहुंचीं. यहां छात्राओं ने शिकायत की कि न उन्हें पेट भर भोजन मिलता है न नाश्ता.

किताबें व ड्रेस भी नहीं मिलती हैं. उनसे शौचालय की सफाई करायी जाती है. वे वार्डेन की मनमानी व प्रताड़ना से त्रस्त हैं. पढ़ाई के समय अन्य कार्य कराये जाते हैं. छात्राओं के पहुंचने की खबर से पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया. शिक्षा विभाग समेत अन्य पदाधिकारी डीसी ऑफिस पहुंचे. सांसद गीता कोड़ा के प्रतिनिधि त्रिशानु राय व अन्य जनप्रतिनिधि भी वहां पहुंचे. छात्राएं काफी डरी हुई थीं.

स्कूल से निकाले जाने के डर से वे अपना नाम भी नहीं बता रही थीं. पदाधिकारियों ने छात्राओं की शिकायत सुन समझा-बुझाकर गाड़ी में बैठाकर वापस स्कूल पहुंचा दिया. उपायुक्त के निर्देश पर जिला शिक्षा अधीक्षक अभय कुमार सील व अन्य पदाधिकारी भी छात्राओं के साथ कस्तूरबा स्कूल गये. उन्होंने छात्राओं से लिखित शिकायत भी ली.

सफाई के नाम पर हर माह पांच रुपये, नहीं देने पर सजा मिलती है :

छात्राओं की शिकायत है कि शिकायत करने पर वार्डेन सजा देती हैं. बच्चियां डर से अपने अभिभावकों को नहीं बताती हैं. साफ-सफाई के नाम पर प्रतिमाह पांच रुपये लिये जाते हैं. उक्त राशि नहीं देने पर सजा के तौर पर 50 से 100 बार उठक बैठक करायी जाती है.

हमने टीम गठित कर अविलंब जांच के निर्देश दिये हैं. इस तरह आधी रात पैदल चलकर यहां पहुंचना गंभीर मामला है. रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई होगी. दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा.

– अनन्य मित्तल, उपायुक्त

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