गुरनाम सिंह चढूनी ने ली करनाल हंगामे की जिम्मेदारी, कहा- कैमला गांव में जो घटना हुई वो हमने करवाई

करनाल के कैमला गांव में किसान-संवाद कार्यक्रम में हुए हंगामें की जिम्मेदारी बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ली है. गुरनाम सिंह चढूनी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि 'कैमला गांव में जो घटना हुई है वो हमने करवाई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2021 10:45 AM

करनाल के कैमला गांव में किसान-संवाद कार्यक्रम में हुए हंगामें की जिम्मेदारी बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ली है. गुरनाम सिंह चढूनी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ‘कैमला गांव में जो घटना हुई है वो हमने करवाई है. सीएम जहां भी रैली करेंगे हम आगे भी ऐसे ही विरोध करेंगे’. उन्होंने यह भी कहा कि, ‘बीजेपी ने कहा था कि वे हमारे आंदोलन को तोड़ने के लिए 700 रैलियां करेंगे और हम ऐसी बीजेपी रैलियों का विरोध करेंगे’.

गौरतलब है कि, हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव में सीएम मनोहर लाल खट्टर केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के फायदे बताने के लिए रैली करने वाले थे. इससे पहले ही प्रदर्शनकारी किसानों ने खट्टर के कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ मचा दी. पुलिस ने कैमला गांव की ओर किसानों के मार्च को रोकने के लिए उन पर पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन प्रदर्शनकारी रुके नहीं. वे कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गये और मुख्यमंत्री के ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम को बाधित कर दिया. प्रदर्शनकारी किसानों ने मंच को तोड़ दिया.

कुर्सियां, मेज और गमले भी तोड़ दिये. किसानों ने अस्थायी हेलीपेड का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया, जहां मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरना था. भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के तत्वावधान में किसानों ने पहले घोषणा की थी कि वे ‘किसान महापंचायत’ का विरोध करेंगे. किसान काले झंडे लिए हुए थे और भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कैमला गांव की ओर बढ़ रहे थे. स्थिति तब तनावपूर्ण हो गयी, जब किसान इस बात पर अड़ गये कि वे मुख्यमंत्री को कार्यक्रम नहीं करने देंगे.

उकसाये गये नौजवानों ने तोड़ा वादा : खट्टर- कैमला गांव में ‘किसान महापंचायत’ रद्द होने के बाद सीएम खट्टर ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि हमने एक कार्यक्रम रखा था. शनिवार को प्रदर्शनकारियों के नेताओं से प्रशासन की बात हो चुकी थी. इसमें उन्होंने कहा था कि हम एक सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे, लेकिन रैली में कोई ऐसा प्रदर्शन नहीं करेंगे. इस पर विश्वास करते हुए प्रशासन ने तैयारी की थी, लेकिन मेरे कैमला गांव पहुंचने से पहले ही किसानों ने मंच तोड़ दिया.

खास बातें:-

  • किसानों ने हिसार के सालासर कॉम्पलेक्स में चल रहे भाजपा के प्रशिक्षण शिविर के दौरान प्रदर्शन किया.

  • उत्तराखंड के दिनेशपुर पहुंचे शिक्षा मंत्री का विरोध कर रहे किसानों ने तोड़ा बैरियर, पुलिस से हुई धक्का-मुक्की

किसानों की रणनीति

13 जनवरी : ‘किसान संकल्प दिवस’ के रूप में मनायेंगे. तीनों कानूनों की प्रतियां जलायी जायेंगी.

18 जनवरी: ‘महिला किसान दिवस’ मनाया जायेगा. हर गांव से 10-10 महिलाओं को दिल्ली लाया जायेगा.

23 जनवरी : सुभाषचंद्र बोस की याद में ‘आजाद हिंद किसान दिवस’ मना कर राजभवन का घेराव करेंगे.

26 जनवरी : राजपथ पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. इसमें एक लाख ट्रैक्टर शामिल होने की उम्मीद है.

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Posted by: Pritish Sahay