दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर बोला हमला, कहा- मुख्यमंत्री तय करती हैं कौन चोर है, कौन नहीं

पश्चिम बंगाल में गुरुवार को न्यूटाउन इको पार्क में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने फिर राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमला बोला. मुख्यमंत्री ही तय करती हैं कि कौन चोर है, कौन नहीं है. सौगत राय ने कहा था कि पार्थ के मामले में नकदी बरामद हुए हैं, पर अनुब्रत के केस में नहीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2022 6:25 PM

पश्चिम बंगाल में गुरुवार को न्यूटाउन इको पार्क में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने फिर राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमला बोला. भाजपा सांसद व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक को उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा की कथित धमकी वाले वीडियो को लेकर श्री घोष ने आरोप लगाया कि अभी बंगाल में असामाजिक तत्व ही तृणमूल नेता हैं. उनसे अच्छे की उम्मीद नहीं हो सकती. विरोधियों को मारेंगे, काटेंगे, डरा कर राजनीति करेंगे. यह कब तक चलेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता. वे लोग आपस में ही मारपीट कर रहे हैं.

Also Read: Sarkari Naukri: पश्चिम बंगाल में टेट की परीक्षा 11 दिसंबर को, एक लाख से अधिक लोगों ने किये आवेदन
तृणमूल सांसद सौगत राय के बयान पर दिलीप घोष का कटाक्ष

शिक्षक भर्ती घोटाले में केंद्रीय एजेंसियों की गिरफ्त में आये पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व बीरभूम के पार्टी नेता अनुब्रत मंडल (Anubrata Mandal) के मामले को अलग-अलग बताने के तृणमूल सांसद सौगत राय के बयान पर दिलीप घोष ने कहा, “मुख्यमंत्री ही तय करती हैं कि कौन चोर है, कौन नहीं है. ध्यान रहे कि बुधवार को सौगत ने कहा था कि पार्थ के मामले में उनकी करीबी के यहां नकदी बरामद हुए हैं, पर अनुब्रत के केस में बड़ी रकम नहीं मिली है. प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के मामले में पैसा नहीं मिला है, इसलिए पार्थ के केस में पार्टी चुप नहीं रह सकती थी, बाकी के मामलों में अभी कुछ साबित नहीं हुआ है.

Also Read: देउचा पचामी कोयला प्रोजेक्ट: 54 परिवार को हर माह 10 हजार रुपये भत्ता देगी ममता बनर्जी सरकार
एनसीसी के जरिये सैन्य प्रशिक्षण लेंने वाले तृणमूल का झंडा नहीं उठायेंगे

वहीं, राज्य सरकार से एनसीसी के फंडिंग रोकने पर भाजपा सांसद ने पूछा कि जो लोग एनसीसी के जरिये सैन्य प्रशिक्षण लेंगे, वे बंगाल में तृणमूल का झंडा नहीं उठायेंगे. इसलिए सरकार ऐसा कर रही है. एनसीसी में बचपन से ही बच्चों को नियम, कानून, अनुशासन सिखाया जाता है. पर हकीकत है कि राज्य के सत्तारूढ़ दल के नेताओं व कार्यकर्ताओं का चरित्र इसके ठीक विपरीत है. उन्हें पता है कि जो एनसीसी करेंगे, वे तृणमूल का झंडा नहीं ढोएंगे, इसलिए फंडिंग बंद की गयी है. जबकि यही सरकार दुर्गापूजा करनेवाले क्लबों को अनुदान देती है, ताकि चुनाव में क्लब के सदस्य उनके लिए काम करें.

Also Read: West Bengal : केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने किए तारापीठ मंदिर में मां काली के दर्शन

रिपोर्ट : मनोरंजन सिंह

Next Article

Exit mobile version