Jharkhand News: चक्रधरपुर राजघराने की बहू अंधेरे कमरे में बीमारी से लड़ने को मजबूर, जानें कारण

चक्रधरपुर राजघराने की बहू सुषमा सिंह इनदिनों विभिन्न बीमारियों से ग्रसित है. चिकित्सकों ने खून की कमी बताया है. हेमोग्लोबीन कम होने के कारण वह काफी कमजोर हो गई है. अंतिम बार 20 अगस्त को ही अनुमंडल अस्पताल में उनका इलाज हुआ था. उसके बाद से कोई उपचार नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2022 7:14 PM

Jharkhand News: राजा अर्जुन सिंह जिसका चक्रधरपुर में राज हुआ करता था. एक इस्टेट के मालिक हुआ करते थे. जिनके मातहत हजारों लोग काम करते थे. हजारों लोगों का परिवार का पेट जिनकी बदौलत भरता था, आज उसकी बहु सुषमा सिंह देवी 89 वर्ष की आयु में एक अंधेरे कमरे में विभिन्न की बीमारियों से जूझ रही हैं. इलाज के अभाव में वह हर दिन मौत के करीब होती जा रही है.

हेमोग्लोबीन कम, कैलशियम लिक हो रहा है

सुषमा सिंह इन दिनों काफी बीमार है. वह कमजोर और लाचार हो गई है. गत 20 अगस्त को फिसल कर गिर गई थी. जिससे पैरों में सूजन आ गया है. चेहरा और शरीर के अन्य भाग फूल गये हैं. कमजोरी पूरे शरीर को जकड़ रखी है. चिकित्सकों ने खून की कमी बताया है. हेमोग्लोबीन कम होने के कारण वह काफी कमजोर हो गई है. अंतिम बार 20 अगस्त को ही अनुमंडल अस्पताल में उनका इलाज हुआ था. उसके बाद से कोई उपचार नहीं है. सदर अस्पताल चाईबासा रेफर किया गया है, लेकिन वो गई ही नहीं है. उसके पुत्र कहते हैं सदर अस्पताल, चाईबासा के नाम से ही डर लगता है. वहां कोई इंतजाम ही नहीं है.

भोजन में कमी आ गयी

सुषमा सिंह देवी के भोजन में काफी कमी आ गई है. रोटी और सब्जी खा लेती है, लेकिन बहुत अधिक नहीं खा पाती. क्योंकि हजम होने में भी तकलीफ होती है. भोजन में कमी आने से शरीर टूटता जा रहा है.

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10 माह पहले बिजली काट दी गई थी

विद्युत विभाग द्वारा सुषमा सिंह देवी के घर की बिजली 10 महीने पहले ही काट दी गई थी. पैसे बकाया रहने के कारण बिजली लाइन काट दी गई है. सरकारी अफसरों और विद्युत विभाग से परिजन बिजली देने का आग्रह किया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. नतीजतन एक अंधेरे कमरे में पूरा परिवार दिन गुजार रहा है. इन दिनों शिद्दत की गरमी है. इस भीषण गरमी में भी राजा के आश्रितों को बिजली नहीं मिल रही है.

घर कभी भी धंस जायेगा

कभी महलों में रहने वाले राजा के आश्रित इन दिनों एक खपरैल घर में रहते हैं. घर की दशा भी काफी खराब है. कभी भी मकान धंस सकता है. जगह-जगह से खपरा धंस गया है. छत चूने लगा है. पर्याप्त जगह नहीं है. दीवारें टूट-फूट गई हैं. किसी अस्तबल (घोड़ा बांधने का घर) से कम नहीं है राजा के आश्रितों का घर भी.

आर्थिक स्थिति काफी खराब

सुषमा सिंह देवी का परिवार इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. सुषमा सिंह का बड़ा बेटा मनोज कुमार सिंहदेव का इसी वर्ष आठ जनवरी को देहांत हो गया था. दो बेटे पहले ही मौत की गाल में समा चुके थे. अब तीन और बेटे रह गये हैं. अशोक सिंहदेव जवाहर लाल नेहरू कॉलेज में आदेशपाल हैं. संतु सिंहदेव बीमार रहने के कारण बेकारी का जीवन जी रहा है. प्रसन्न सिंहदेव केनरा बैंक में आदेशपाल की नौकरी करता था, लेकिन पैर से अपाहिज होने के बाद उसे हटा दिया गया है. अब वह सुषमा सिंह की सेवा में लीन रहता है.

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उपायुक्त को इलाज का लिखा गया है पत्र

झारखंड सेनानी कोष के सदस्य प्रवीर नाथ शाहदेव ने पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र लिख कर सुषमा सिंह देवी की बीमारी की जानकारी दी है और इलाज में सहयोग की अपील किया है.


रिपोर्ट : शीन अनवर, चक्रधरपुर, पश्चिमी सिंहभूम.

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