कोलकाता में घोड़ों पर कोरोना वायरस का कोड़ा, बग्घी की सवारी कराने वाले जानवर को उनके हाल पर छोड़ा

coronavirus hits horses of Kolkata, masters left animals कोलकाता में घोड़ों पर कोरोना वायरस का कोड़ा, बग्घी की सवारी कराने वाले जानवर को उनके हाल पर छोड़ा. कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की यात्रा भव्य विक्टोरिया मेमोरियल को देखने और उसके आसपास घोड़ागाड़ी की सवारी के बिना पूरी नहीं होती, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद लागू लॉकडाउन में हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला है. यहां घोड़ों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. चारे के अभाव में कई घोड़े कमजोर हो गये हैं.

By Mithilesh Jha | April 6, 2020 8:05 AM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की यात्रा भव्य विक्टोरिया मेमोरियल को देखने और उसके आसपास घोड़ागाड़ी की सवारी के बिना पूरी नहीं होती, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद लागू लॉकडाउन में हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला है. यहां घोड़ों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. चारे के अभाव में कई घोड़े कमजोर हो गये हैं.

पीपल फॉर एनिमल (पीएफए) के वरिष्ठ सदस्य अजय डागा ने बताया कि आम दिनों में 100 से अधिक घोड़े पयर्टकों को विक्टोरिया मेमोरियल के आसपास के इलाकों की सैर कराते हैं, लेकिन अब इनमें से कई को ऐसे ही छोड़ दिया गया है. उन्होंने बताया कि स्थिति सामान्य होने तक इन घोड़ों को चारा खिलाने के लिए गैर सरकारी संगठन आगे आया है.

श्री डागा ने कहा, ‘शुक्रवार को सांसद मेनका गांधी का फोन आया था और उन्होंने घोड़ों की स्थिति के बारे में जानकारी ली. उन्होंने बताया कि पशु प्रेमी पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिया है कि वह इन जानवरों की देखभाल में जब भी जरूरत होगी, पीएफए की मदद करेंगी.’

श्री डागा ने कहा, ‘मौजूदा समय में पीएफए घोड़ों के चारे का इंतजाम लोगों द्वारा दान मे मिली मदद से कर रहा है.’ उन्होंने बताया कि घोड़ों के कुछ मालिक लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही इन्हें छोड़कर उत्तर प्रदेश और बिहार स्थित अपने गांव चले गये हैं, जबकि कुछ यहीं हैं. इनमें से कुछ ही घोड़ों की देखभाल कर रहे हैं.

घोड़ा गाड़ी के मालिक सलीम ने कहा, ‘लॉकडाउन समाप्त होने के बाद हमारी घोड़ा गाड़ी पर कौन बैठेगा? कुछ समय तक कोई पर्यटक आयेगा ही नहीं.’ वहीं श्री डागा ने बताया कि पीएफए के पास घोड़ों को केवल अगले सात दिनों तक ही चारा देने का पैसा है.

उन्होंने बताया कि घोड़ों के चारे पर रोजाना 15,000 रुपये का खर्च आ रहा है. पीएफए के न्यासी और इमामी समूह के संयुक्त अध्यक्ष आरएस गोयनका ने जरूरत पड़ने पर मदद का भरोसा दिया है. स्थानीय पार्षद सुष्मिता भट्टाचार्य ने बताया कि कोलकाता नगर निगम विक्टोरिया मेमोरियल के पास घोड़ों के पानी पीने के लिए बने नाद को भरवा रही है.

उन्होंने बताया, ‘मुझे पश्चिम बंगाल के सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी का फोन आया और उन्होंने घोड़ों की जानकारी ली और उनकी देखभाल का भरोसा दिया.’

Next Article

Exit mobile version