GROUND REPORT: मिठाई के बाद माछ पर भी चुनावी रंग, हरे, लाल और भगवा रंग की मछलियों की बढ़ी डिमांड
Bengal Assembly Elections 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान जोर-शोर से जारी है. हर तरफ चुनावी शोरगुल और नारों की आवाज सुनाई दे रही है. अगर हावड़ा की बात करें तो यहां के लोगों की जुबान पर चुनावी चर्चा है. इनके लिए ‘खेला होबे’, ‘मां माटी मानुष’ और ‘जय श्रीराम’ की मिठाईयों की मिठास भी अद्भुत आनंद समेटे हैं. वहीं, अब मछलियों पर भी चुनावी रंग चढ़ता जा रहा है. चुनावी मौसम में हावड़ा में रंगबिरंगी मछलियों की डिमांड काफी बढ़ती जा रही है.
Bengal Assembly Elections 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान जोर-शोर से जारी है. हर तरफ चुनावी शोरगुल और नारों की आवाज सुनाई दे रही है. अगर हावड़ा की बात करें तो यहां के लोगों की जुबान पर भी चुनावी चर्चा है. इनके लिए ‘खेला होबे’, ‘मां माटी मानुष’ और ‘जय श्रीराम’ की मिठाईयों की मिठास भी अद्भुत आनंद समेटे हैं. वहीं, अब मछलियों पर भी चुनावी रंग चढ़ता जा रहा है. चुनावी मौसम में हावड़ा में रंगबिरंगी मछलियों की डिमांड काफी बढ़ती जा रही है.
सेंट्रल हावड़ा के नेताजी सुभाष रोड इलाके में रंगीन मछलियों की कई दुकानें हैं. कुछ दिनों से इन सभी दुकानों में ग्राहकों की काफी भीड़ देखी जा रही है. यहां हरे, गेरुआ (भगवा) और लाल रंग की मछलियां सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हैं. दुकान के मालिक प्रदीप पाल के मुताबिक रंगीन मछलियों की मांग हमेशा रहती है. चुनाव के कारण हरे, लाल और गेरूआ की मछलियों की मांग सबसे अधिक बढ़ी है.
दुकानदारों की मानें तो सबसे अधिक बिक्री गेरुआ और हरे रंग की मछलियों की है. लाल रंग वाली मछली के खरीदार कम हैं. संयुक्त मोर्चा के कार्यकर्ता लाल रंग की रेड सेंट्रल मछली, तृणमूल कार्यकर्ता हरे रंग की ग्रीन जेबरा ले रहे हैं. बीजेपी कार्यकर्ता गोल्ड फीस खरीद रहे हैं. मछलियों की कीमत 30 रुपये से शुरू है. बड़े आकार की मछलियों की कीमत 80 से 100 रुपये है. दुकानदारों की मानें तो चुनाव में मांग बनी रहेगी. इसका लाभ दुकानदारों को भी मिलेगा. (हावड़ा से जे कुंदन की रिपोर्ट, प्रभात खबर)
