अधिकारी का बेटा होने के कारण कोरोना पीड़ित युवक ने की थी अपनी मनमानी ! अस्पताल में भर्ती होने से किया इंकार

वह राज्य की आला प्रशासनिक अधिकारी का बेटा है. इंग्लैंड से लौटते ही उसे दो बार अस्पताल में भर्ती होने का परामर्श दिया गया था. एक बार एयरपोर्ट पर और दूसरी बार एमआर बांगुर अस्पताल में जांच के दौरान भर्ती को कहा गया था. लेकिन दोनों बार ही उसने इंकार कर दिया.

By Pritish Sahay | March 19, 2020 3:02 AM

कोलकाता : इंग्लैंड से कोलकाता लौटे टॉलीगंज निवासी युवक में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. फिलहाल वह बेलियाघाटा आइडी हॉस्पिटल में स्पेशल आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है. वह राज्य की आला प्रशासनिक अधिकारी का बेटा है. इंग्लैंड से लौटते ही उसे दो बार अस्पताल में भर्ती होने का परामर्श दिया गया था. एक बार एयरपोर्ट पर और दूसरी बार एमआर बांगुर अस्पताल में जांच के दौरान भर्ती को कहा गया था. लेकिन दोनों बार ही उसने इंकार कर दिया. आखिर उसने भर्ती होने से इंकार क्यों किया? क्या आला प्रशासनिक अधिकारी के बेटे होने के कारण ही उसने अपनी मनमानी की थी. इसे लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.

जानकारी के मुताबिक वह लंदन में अपनी एक महिला मित्र की बर्थडे पार्टी में शामिल हुआ था. वहां गत छह मार्च को महिला मित्र संग डांस भी किया था. गत 15 मार्च को कोलकाता लौटा था. एयरपोर्ट पर उसे बेलियाघाटा स्थित आइडी अस्पताल जाने की सलाह दी गयी थी. लेकिन वह नहीं गया. एयरपोर्ट के निदेशक कौशिक भट्टाचार्य से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों की स्कैनिंग हो रही है. उस दिन उनका भी हुआ था, लेकिन तब ऐसा कुछ नहीं मिला था.

बताया जा रहा है कि कई बार थर्मल स्कैनिंग में ऐसा पता नहीं चलता है. लेकिन एयरपोर्ट पर मौजूद डॉक्टर की ओर से उसे घर में आइसोलेशन में रहने या आइडी अस्पताल जाकर चेक कराने को कहा गया था. सूत्रों से पता चला है कि ना ही वह घर में आइसोलेशन में रहा और ना ही अस्पताल गया. सोमवार को फिर वह अपनी मां के साथ एमआर बांगुर अस्पताल गया था. वहां डेपुटी सुपर के घर में कोरोना संबंधित नोडल ऑफिसर ने जांच की, तो उस दिन भी भर्ती होने के लिए कहा गया था. जांच के वक्त वहां एक सहायक भी थे.

मंगलवार सुबह उसे आइडी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसके कफ के नमूने को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंट्रिक डिजीजेज को भेजा गया था. जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजीटिव पाया गया. उसे स्पेशल आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. उसके माता-पिता व ड्राइवर को भी अस्पताल बुलाया गया. इन तीनों को भी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. एमआर बांगुर में जिस चिकित्सक से युवक मिला था, उन्हें भी आइसोलेशन में रखा गया है. युवक के ड्राइवर को भी आइसोलेशन में रखा गया है.

आरोपी अिधकारी के िखलाफ कार्रवाई करे सरकार

कोलकाता : कोरोना से पीड़ित युवक व उससे जुड़े हाइ प्रोफाइल परिवार के खिलाफ प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कार्रवाई की मांग की है. श्री घोष ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा : पीड़ित युवक एक बड़े अधिकारी का बेटा है. इस कारण उसकी जांच नहीं हुई. वह मॉल में घूमता रहा. दो दिनों तक कोलकाता में घूमता रहा. कहां-कहां घूमा किसी को मालूम नहीं है. सलाह देने के बावजूद बावजूद वह अस्पताल नहीं गया. एक सचिव का बेटा है, इसलिए कोई कुछ नहीं बोलेगा. क्या वह लोगों की जान से खेल सकता है. वह सरकार के इतने बड़े अधिकारी हैं. हम उनसे यही उम्मीद करते हैं. सरकार को भी सोचना चाहिए. उस परिवार से पूछताछ करनी चाहिए.

विवरण लेना चाहिए कि वह युवक कहां-कहां गया था, किससे-किससे मिला था. एक व्यक्ति के कारण पूरे बंगाल में भय का वातावरण पैदा हो गया है. इस मामले पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. यह बहुत बड़ी गलती है और जानबूझ की गयी गलती है. इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि पूरे मामले की पहले जांच हो. उन्होंने कहा : सचिव स्तर के अधिकारी इतनी बड़ी लापरवाही कर सकते हैं. इससे सरकार की इच्छा व मनोस्थिति का अंदाज लगा सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने पहले खुद ही लापरवाही की थी. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों को कोरोना से सतर्कता बरतने की सलाह की थी और सतर्कता के कदम उठाने के निर्देश दिये थे. मुख्यमंत्री ने उन पर कटाक्ष किया था. मोदी जी जनवरी से ही इसकी प्लानिंग शुरू कर दिये थे. पूरी टीम तैयार की. विदेश से लोगों को वापस बुलाया और राज्य में एक सचिव का बेटा विदेश से आया और सारी व्यवस्था पंगु हो गयी. यह सरकार की असफलता को दर्शाता है.

अब नबान्न को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया शुरू

कोलकाता. राज्य सचिवालय, नबान्न में कोरोना वायरस का आतंक देखा जा रहा है. राज्य में कोरोना के पहले मरीज की मां, राज्य की विशेष गृह सचिव हैं. मंगलवार को पूरे दिन नबान्न में थीं. इसके बाद ही सचिवालय में हड़कंप मच गया है. सचिवालय के विभिन्न फ्लोर व लिफ्ट को सैनिटाइज करने का काम शुरू हो गया है.

नबान्न की सभी 14 मंजिलों को पहले जीवाणुमुक्त करनेवाले रसायन और फिर फिनाइल से धोया गया. लिफ्ट के फ्लोर, विभिन्न दरवाजों के हैंडलों को भी साफ किया गया. चार टीमों को साफ-सफाई में लगाया गया था. इसके अलावा कर्मचारियों को हैंड सैनिटाइजर से हाथ धुलाने के बाद ही प्रवेश करने की इजाजत दी गयी. नबान्न में उन सभी अधिकारियों को गृह आइसोलेशन में रहने के लिए कहा गया है, जिनके साथ उक्त विशेष गृह सचिव का मंगलवार को संपर्क हुआ था. नबान्न में अधिकांश कर्मचारियों को मास्क पहने देखा जा रहा है.

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