अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की श्रृंगार गौरी मसले पर दो टूक- SC के आदेश की वाराणसी कोर्ट कर रहा अवहेलना

ज्‍वाइंट सेकेट्री सैय्यद मोहम्मद यासीन ने कहा, 'कोर्ट यदि ऑर्डर करती है कि हमारी गर्दन काट ली जाए तो क्या हम चुपचाप अपनी गर्दन कटा लेंगे. जब एक कानून बना हुआ है कि इस दायरे के अंदर मुसलमान आ सकते हैं या सुरक्षाकर्मी आ सकते हैं तो क्या इस कानून को बंंद कर दिया जाए?'

By Prabhat Khabar | May 1, 2022 4:02 PM

Varanasi News: अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी और अन्य विग्रहों की वीडियोग्राफी कराए जाने का विरोध किया है. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के ज्‍वाइंट सेक्रेट्री सैय्यद मोहम्मद यासीन ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वाराणसी की अदालत अवहेलना कर रहा है. यदि वीडियोग्राफी कराई गई तो 1993 के सुरक्षा प्लान का क्या मतलब रह जायेगा.’

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‘कोई प्रक्रिया ही नहीं अपनायी गई’

ज्‍वाइंट सेकेट्री सैय्यद मोहम्मद यासीन ने कहा, ‘कोर्ट यदि ऑर्डर करती है कि हमारी गर्दन काट ली जाए तो क्या हम चुपचाप अपनी गर्दन कटा लेंगे. जब एक कानून बना हुआ है कि इस दायरे के अंदर मुसलमान आ सकते हैं या सुरक्षाकर्मी आ सकते हैं तो क्या इस कानून को बंंद कर दिया जाए? कोर्ट कमीशन ने तो हम लोगों के पक्ष की कोई बात ही नहीं सुनी. विपक्षी पार्टी द्वारा कमीशन दे दिया गया और कोर्ट ने उसे ही मान लिया.’ उन्‍होंने कहा क‍ि इसमें तो कोई प्रक्रिया ही नहीं अपनायी गयी है. हम इसका विरोध कानूनी दायरे में रहकर करेंगे. कोर्ट ने तो मस्जिद की सुरक्षा के इंतजाम किए ही नहीं है सिर्फ कमीशन में जो लोग जुड़े हैं उनकी सुरक्षा के इंतजाम के लिए कहा है.

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‘वक्‍त बताएगा क‍ि हम इन्‍हें कैसे रोकेंगे’

उन्‍होंने कहा, हम कोई विपक्षी पार्टी के साथ मारपीट करने नहीं जा रहे. सुनवाई के दौरान हमने तो बस इतना ही कहा कि कानून के दायरे में रहकर हम अंदर मस्जिद में नहीं आने देंगे. श्रृंगार गौरी तक जाना है तो विपक्षी पार्टी को कहा जाए क‍ि वहां की वीडियोग्राफी करें. हमें कोई आपत्ति नहीं है. मगर हम मस्जिद के अंदर बैरिकेडिंग के अंदर नहीं घुसने देंगे क्योंकि श्रृंगार गौरी का जो स्थान है बैरिकेडिंग के बाहर मौजूद है. उन्‍होंने कहा, हम ये कोर्ट की अवमानना नहीं कर रहे हैं क्योंकि हमने इस पर कोई आंदोलन नहीं शुरू किया है. अब तो हम लोग इतने छोटे समय में कोई स्टे भी नहीं ले सकते हैं. हमारे गर्दन पर सीधे कोर्ट ने तलवार लटका दी है. अब ये तो वक्त बतायेगा कि कैसे रोकेंगे हम इन्हें. जिला प्रशासन के लोग या वरिष्ठ अधिकारी हमसे इस बारे में बात करना चाहेंगे तो हम जरूर बात करेंगे.

रिपोर्ट : विपिन सिंह

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