शिनजियांग के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करना चाहती है एयर इंडिया, पाकिस्तान ने कर ही दी है ऐसी हरकत
Air India: एयर इंडिया ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र बंद होने से बढ़ी मुश्किलों के बीच चीन के शिनजियांग स्थित संवेदनशील हवाई क्षेत्र होटन, काशगर और उरुमकी का इस्तेमाल करने की अनुमति के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया है. पाक प्रतिबंध के कारण उड़ानें लंबी हो रही हैं और ईंधन लागत में 29% तक वृद्धि दर्ज की गई है. लंबे रूटों के चलते एयर इंडिया को सालाना भारी आर्थिक नुकसान का अनुमान है, जिसे कम करने के लिए वैकल्पिक चीनी मार्गों की तलाश की जा रही है.
Air India: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल महीने में हुए आतंकवादी हमलों के बाद पाकिस्तान की ओर से भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को प्रतिबंधित करने के बाद विमानन कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस बीच खबर यह भी है कि टाटा समूह की विमानन कंपनी एयर इंडिया ने लंबे रूट्स को कम करने के लिए चीन के शिनजियांग हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल के लिए सरकार से पैरवी कर रही है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया सरकार से चीन के शिनजियांग प्रांत के संवेदनशील सैन्य हवाई क्षेत्र होटन, काशगर और उरुमकी का इस्तेमाल करने की अनुमति दिलाने की पैरवी कर रही है.
पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने से बढ़ी चुनौतियां
रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2025 के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े कूटनीतिक तनाव का सीधा असर भारतीय एयरलाइनों पर पड़ा. पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल बंद कर दिया है, जिसके बाद यूरोप, अमेरिका और कनाडा के लिए उड़ानें 2 से 3 घंटे तक लंबी हो गई हैं. इससे ईंधन खर्च में 29% तक की वृद्धि हुई है. एयर इंडिया जैसे लंबे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क वाली एयरलाइन के लिए यह स्थिति अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है.
रॉयटर्स का अप्रकाशित दस्तावेज देखने का दावा
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि उसने एयर इंडिया का एक अप्रकाशित दस्तावेज देखी है, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि लंबी दूरी की उड़ानों की लागत में भारी बढ़ोतरी हो गई है. इसके अलावा, कंपनी को क्रू मैनेजमेंट और शिड्यूलिंग में जटिलताओं का सामने करना पड़ रहा है और संचालन खर्च में तेज उछाल देखने को मिला है.
एयर इंडिया की प्रस्तावित वैकल्पिक योजना क्या है?
एयर इंडिया ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वह चीन के साथ कूटनीतिक स्तर पर बात करे ताकि शिनजियांग के संवेदनशील सैन्य हवाई अड्डों से गुजरने की अनुमति मिल सके. इनमें होटन, काशगर और उरुमकी सैन्य हवाई क्षेत्र शामिल हैं. ये मार्ग यूरोप और उत्तरी अमेरिका तक पहुंच को तेज कर सकते हैं. एयर इंडिया के अनुसार, अगर चीन की ओर से इन हवाई क्षेत्रों के इस्तेमाल की अनुमति मिल जाती है, तो कई रूटों की उड़ान अवधि में 1.5 से 3 घंटे तक की कमी आ सकती है.
क्या कहता है एयर इंडिया का दस्तावेज
एयर इंडिया के दस्तावेज में स्पष्ट रूप से लिखा है, “एयर इंडिया का लंबी दूरी का नेटवर्क गंभीर परिचालन और वित्तीय दबाव में है. होटन मार्ग को सुरक्षित करना एक रणनीतिक विकल्प होगा.” इससे कंपनी को परिचालन लागत घटाने में मदद मिलेगी और उड़ानों की समय-पालन क्षमता भी सुधरेगी.
लंदन हादसे के बाद प्रतिष्ठा सुधारने की कोशिश
जून 2025 में गुजरात में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की दुर्घटना में 260 लोगों की मौत ने एयर इंडिया की सुरक्षा प्रतिष्ठा को गंभीर रूप से प्रभावित किया था. इस दुर्घटना के बाद एयर इंडिया को कुछ समय के लिए अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रोकनी पड़ीं, जिससे नेटवर्क कमजोर हुआ. अब जब एयर इंडिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि और परिचालन क्षमता पुनर्निर्मित करने में जुटी है. हालांकि, पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण यह प्रक्रिया और कठिन हो गई है. ऐसे में शिनजियांग का वैकल्पिक मार्ग एयरलाइन के लिए रणनीतिक राहत साबित हो सकता है.
एयर इंडिया को सालाना 45.5 करोड़ डॉलर का नुकसान
रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर इंडिया ने अपने विश्लेषण में एक चौंकाने वाला अनुमान पेश किया है. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र बंद होने से एयर इंडिया को सालाना करीब 455 मिलियन डॉलर (45.5 करोड़ डॉलर) का नुकसान हो सकता है. वित्त वर्ष 2024-25 में पहले से ही कंपनी 439 मिलियन डॉलर के नुकसान में चल रही है. अब परिचालन लागत पर दोहरी मार पड़ रही है. इस आर्थिक दबाव को देखते हुए एयर इंडिया वैकल्पिक मार्ग तलाश रही है. चीन की ओर से शिनजियांग हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल की अनुमति मिलती है तो कंपनी का घाटा काफी हद तक कम हो सकता है.
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भारत-चीन संबंधों की संवेदनशीलता
भारत और चीन के बीच 2020 के लद्दाख के गलवान विवाद के बाद सीमाई तनाव लगातार बना हुआ है. ऐसे में किसी भारतीय एयरलाइन का चीनी सैन्य हवाई क्षेत्र से अनुमति लेना दोनों देशों के बीच एक नए कूटनीतिक समीकरण को जन्म दे सकता है. हालांकिख् चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे इस प्रस्ताव की जानकारी नहीं है और उन्होंने पत्रकारों को “उचित अधिकारियों से संपर्क करने” को कहा है. उधर, एयर इंडिया के साथ-साथ भारत, चीन और पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन अधिकारियों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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