Water Purifier में RO, UV और UF का क्या मतलब होता है? कई लोग खरीदते समय नहीं देखते ये चीजें

Water Purifier: जब भी आप वॉटर प्यूरीफायर खरीदने जाएंगे तो आपको उसके ऊपर RO, UV और UF लिखा हुआ जरूर नजर आएगा. क्या आपको पता है आखिर इनका मतलब और काम क्या होता है? आइए आपको डिटेल में बताते हैं.

By Ankit Anand | December 11, 2025 2:33 PM

Water Purifier: आज देश की हालत ऐसी हो गई है कि साफ हवा और साफ पानी पाना किसी खजाने से कम नहीं. ये दोनों चीजें हमारी हेल्थ के लिए सबसे जरूरी हैं. अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहां हवा पहले से ही खराब है, तो ऐसे में साफ पीने का पानी और भी जरूरी हो जाता है. लेकिन ज्यादातर लोग ये बात भूल जाते हैं कि हर शहर में पानी की क्वालिटी अलग होती है. ऐसे में अगर आपने गलत वॉटर प्यूरीफायर चुन लिया, तो पानी पूरी तरह से साफ नहीं हो पाएगा और इसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ेगा.

किसी भी प्यूरीफायर (Water Purifier) को खरीदने से पहले सबसे जरूरी है अपने पानी की क्वालिटी चेक करना. आपके घर में जो पानी आ रहा है, उसी के हिसाब से प्यूरीफायर की टेक्नोलॉजी चुननी चाहिए ना कि सिर्फ मार्केटिंग पर भरोसा करना चाहिए. आइए आपको इसके बारे में डिटेल में बताते हैं.

अपने पानी का TDS समझें

TDS यानी Total Dissolved Solids बताता है कि आपके पानी में कितने घुले हुए नमक, मिनरल्स और हैवी मेटल्स मौजूद हैं.

300 ppm से कम: आमतौर पर म्युनिसिपल का पानी होता है. पीने लायक होता है, लेकिन इसमें बैक्टीरिया या क्लोरीन हो सकते हैं.

300-500 ppm: ठीक-ठाक माना जाता है, लेकिन इसमें केमिकल अशुद्धियां रह सकती हैं.

500 ppm से ज्यादा: काफी हाई TDS होता है, ऐसा पानी ज्यादातर बोरवेल या टैंकर में मिलता है. इसके लिए स्ट्रॉन्ग प्यूरीफिकेशन जरूरी होता है.

यह क्यों जरूरी है?

आपको RO, UV, UF या इनके कॉम्बिनेशन में से कौन-सा वॉटर प्यूरीफायर (Water Purifier) लेना चाहिए, यह पूरा फैसला आपके पानी के TDS पर डिपेंड करता है. एक सिंपल डिजिटल TDS मीटर या लेब टेस्ट से आप ये वैल्यू आसानी से पता कर सकते हैं.

सही प्यूरीफिकेशन टेक्नोलॉजी चुनें

RO (Reverse Osmosis) 

ये फिल्ट्रेशन टेक्नोलॉजी ज्यादा TDS वाले पानी के लिए होता है. अगर आप बोरवेल का पानी या मिक्स्ड सोर्स का पानी इस्तेमाल करते हैं (TDS 500 ppm से ज्यादा), तो RO सबसे बेहतर है. यह पानी की कठोरता, भारी धातु (जैसे लेड, आर्सेनिक), बैक्टीरिया और नमक सब हटा देता है और माइक्रोब्स भी क्लियर कर देता है.

UV (Ultraviolet)

ये कम TDS वाले म्युनिसिपल पानी के लिए होता है. म्युनिसिपल पानी पहले से ट्रीटेड होते हैं लेकिन बैक्टीरिया या वायरस का खतरा रहता है. UV तुरंत उन कीटाणुों को मार देते हैं. आपको बता दें कि ये TDS कम नहीं करता.

UF (Ultrafiltration)

ये तब बढ़िया होते हैं जब पानी पहले से काफी साफ हो. ये पानी में मौजूद मिट्टी, कीचड़, बैक्टीरिया, बड़े कण और सस्पेंडेड पार्टिकल्स को हटा देता है. इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि ये बिना बिजली के भी काम करता है और पानी की बर्बादी भी नहीं होती.

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