सैमसंग M36 या पोको M7 प्रो: कैमरा हो या बैटरी, 15 हजार में कौन सा फोन चुराएगा आपका दिल?
Samsung M36 vs Poco M7 Pro: सैमसंग गैलेक्सी M36 5G और पोको M7 प्रो 5G के बीच स्पेक्स, परफॉर्मेंस, कैमरा की तुलना. 2025 में बजट फोन की टक्कर, कौन बेहतर?
Samsung M36 vs Poco M7 Pro: बजट स्मार्टफोन मार्केट में सैमसंग गैलेक्सी M365G और पोकोM7 प्रो 5G की टक्कर ने धूम मचा रखी है. दिसंबर 2025 तक ये दोनों फोन 12 से 15 हजार के दायरे में उपलब्ध हैं, जहां OIS कैमरा, तेज डिस्प्ले और लंबी बैटरी लाइफ जैसे फीचर्स आम हो गए हैं. लेकिन कौन सा बेहतर? सैमसंग का लंबा सॉफ्टवेयर सपोर्ट या पोको का दमदार चार्जिंगस्पीड? आइए, इनकी जंग को करीब से देखें.
डिजाइन और डिस्प्ले: सैमसंग की पॉलिश्ड लुक vs पोको का ब्राइट कैनवास
सैमसंग M36 का बॉडी सिर्फ 7.7mm पतला और 197 ग्राम हल्का है, जो हाथ में आराम देता है. इसका 6.7 इंच सुपर AMOLED पैनल 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ 1000 निट्स ब्राइटनेस देता है, लेकिन वॉटरड्रॉप नॉच थोड़ा पुराना लगता है. वहीं, पोकोM7 प्रो का 6.67 इंच AMOLED स्क्रीन 2100 निट्स पीक ब्राइटनेस और डॉल्बी विजन से बाहर की धूप में भी क्रिस्टल क्लियर व्यू देता है.पोको का डुअल-टोन बैक थोड़ा स्टाइलिश लगता है, लेकिन सैमसंग का गोरिल्ला ग्लास विक्टस+ ज्यादा मजबूत है. कुल मिलाकर, अगर आउटडोर यूज ज्यादा है तो पोको आगे.
परफॉर्मेंस: एक्सिनॉस की स्थिरता vs डाइमेंसिटी की स्पीड
सैमसंग में एक्सिनॉस 1380 चिपसेट 6GB / 8GB रैम के साथ डेली टास्क्स को बिना हिचक संभालता है, लेकिन हेवी गेमिंग में थोड़ा गर्म हो जाता है. पोको का मीडियाटेक डाइमेंसिटी 7025 अल्ट्रा 8GB/12GB रैम के साथ मल्टीटास्किंग में तेज है, खासकर गेम्स में जहां GPU परफॉर्मेंस बेहतर है. बेंचमार्क में पोकोथोड़ा आगे निकलता है, लेकिन सैमसंग का वेपर कूलिंग चैंबर हीट मैनेजमेंट में जीत दिलाता है. अगर गेमिंग प्रायोरिटी है, तो पोको चुनें.
कैमरा: OIS की दोनों जंग में बराबरी
दोनों में 50MP मुख्य सेंसर OIS के साथ है, जो लो-लाइट शॉट्स को शार्प बनाता है. सैमसंग का ट्रिपल सेटअप (8MP अल्ट्रावाइड + 2MP मैक्रो) वर्सेटाइल है, 4K वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ पोर्ट्रेट में एज डिटेक्शन परफेक्ट. पोको का सोनी LYT600 सेंसर + 2MP डेप्थ कलर्स को वाइब्रेंट बनाता है, लेकिन अल्ट्रावाइड की कमी महसूस होती है. फ्रंट में पोको का 20MP सेल्फी किंग है, जबकि सैमसंग का 13MP ठीक-ठाक. नाइट मोड में दोनों कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं.
बैटरी और सॉफ्टवेयर: पोको की तेज रिचार्ज vs सैमसंग का लॉन्ग सपोर्ट
सैमसंग की 5000mAh बैटरी 6-7 घंटे स्क्रीन टाइम देती है, लेकिन 25W चार्जिंग धीमी लगती है. पोको की 5110mAh बैटरी लंबी चलती है और 45W टर्बो चार्जिंग से 30 मिनट में 50% भर जाती है. सॉफ्टवेयर में सैमसंग का वन UI 7 एंड्रॉयड 15 पर 6 साल अपडेट्स का वादा करता है, जबकि पोको का हाइपरOS थोड़ा ब्लोटेड है लेकिन कस्टमाइजेशन में मजा देता है.
फैसला आपका: सैमसंग अगर भरोसा चाहिए, पोको अगर वैल्यू
अगर लंबे समय का साथी चाहिए तो सैमसंग M36 लें, वरना पोको M7 प्रो कीमत पर कमाल करता है. अमेजन या फ्लिपकार्ट पर चेक करें, ऑफर्स से कीमत और गिर सकती है.
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