भारत में मोबाइल विज्ञापन धोखाधड़ी सबसे ज्यादा

मोबाइल विज्ञापन धोखाधड़ी के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं. इस मामले में वह एशिया में शीर्ष पर है.हाल में आयी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियां बाजार में अपने विज्ञापन बजट का तककरीब 20 प्रतिशत इन धोखधड़ी में खर्च करती हैं. चूंकि यूजर्स को इनसे बचने का तरीका पता नहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 20, 2019 8:03 AM
मोबाइल विज्ञापन धोखाधड़ी के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं. इस मामले में वह एशिया में शीर्ष पर है.हाल में आयी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियां बाजार में अपने विज्ञापन बजट का तककरीब 20 प्रतिशत इन धोखधड़ी में खर्च करती हैं. चूंकि यूजर्स को इनसे बचने का तरीका पता नहीं है इसलिए यह बढ़ता जा रहा है. ग्लोबल नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन मोबाइल मार्केटिंग एसोसिएशन की रिपोर्ट ‘एड फ्रॉड बेंचमार्क रिपोर्ट’ में कहा गया है कि ऐसी धोखाधड़ी को रोकने के तरीकों को बेहतर किया जा सकता है और इसकी गुंजाइश है.
लेकिन इंडस्ट्री में नियम संबंधित पारदर्शिता और कठोर प्रावधानों की कमी के कारण भारत में इस तरह की धोखाधड़ी बढ़ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, विज्ञापन धोखाधड़ी में सबसे ज्यादा कुकी स्टफिंग (74 प्रतिशत), एडवेयर ट्रैफिकिंग (65 प्रतिशत), डेटा फ्रॉड (61 प्रतिशत) और एड इंजेक्शन (54 प्रतिशत) होते हैं.

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