आज से खेती शुरू करेंगे किसान, गैर कृषि भूमि पर नहीं जायेंगे किसान : भारतीय किसान मोर्चा
जलपाईगुड़ी : गाजलडोबा में हेलीपैड निर्माण को लेकर मिलनपल्ली के किसानों के साथ प्रशासन की खींचतान के बाद राज्य सरकार द्वारा पीछे हटने से आंदोलनकारी किसानों का मनोबल बढ़ गया है. किसान सोमवार से 3.46 एकड़ जमीन पर आमन धान की रोपनी शुरू करेंगे. रविवार को भाजपा समर्थित भूमि रक्षा कमेटी की बैठक में यह […]
जलपाईगुड़ी : गाजलडोबा में हेलीपैड निर्माण को लेकर मिलनपल्ली के किसानों के साथ प्रशासन की खींचतान के बाद राज्य सरकार द्वारा पीछे हटने से आंदोलनकारी किसानों का मनोबल बढ़ गया है. किसान सोमवार से 3.46 एकड़ जमीन पर आमन धान की रोपनी शुरू करेंगे. रविवार को भाजपा समर्थित भूमि रक्षा कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया. सभी किसान सुबह 10 बजे से अपने-अपने खेत में काम शुरू करेंगे.
भूमि रक्षा कमेटी के नेताओं का कहना है कि किसानों को खेती करने से पुलिस ने रोका तो जोरदार विरोध करेंगे. किसान गैर कृषि भूमि में दखल नहीं देंगे. उधर, प्रशासनिक सूत्र से पता चला है कि गैर कृषि और हेलीपैड वाली जमीन में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर सोमवार को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. पर्यटन मंत्री ने कड़ी चेतावनी भी दी है कि अगर गैर कृषि जमीन में किसी तरह की गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की गयी तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी.
उल्लेखनीय है कि जलपाईगुड़ी जिले के राजगंज ब्लॉक अंतर्गत मिलनपल्ली और मंतादरी ग्राम पंचायत इलाके में गाजलडोबा का पर्यटन हब भोरेर-आलो परियोजना के लिए 199 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. इस जमीन के बाहर 3.46 एकड़ जमीन पर हेलीपैड और कर्मचारी आवासन के निर्माण के लिए पिछले सप्ताह प्रशासन के पक्ष से साइनबोर्ड लगाया गया था. उसी दौरान स्थानीय किसानों ने भूमि रक्षा कमेटी की अगुवाई में आंदोलन शुरू कर दिया था.
किसानों का स्पष्ट कहना है कि वे हेलीपैड के लिए अपनी जमीन नहीं देंगे. चूंकि जमीन का पट्टा राज्य सरकार ने ही उन्हें दिया है. हेलीपैड के लिए जमीन अधिग्रहण के फैसले को एकतरफा बताते हुए किसानों ने कहा कि चूंकि सरकार ने उनके साथ किसी तरह की बातचीत किये बिना ही जमीन लेनी चाही थी इसलिये वह इसका कड़ा विरोध करेंगे. शुक्रवार को पर्यटन मंत्री गौतम देव आंदोलनरत किसानों से बातचीत करने गये थे.
लेकिन किसानों के उग्र तेवर के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा. किसान काले झंडे लेकर गौतम देव गो बैक के नारे लगा रहे थे. उसी दिन किसानों ने जमीन पर लगाये गये सरकारी साइनबोर्ड को हटाने का प्रयास किया जिसको लेकर पुलिस के साथ किसानों की झड़प हो गयी. आखिर में प्रशासन ने साइनबोर्ड को विवाद के केंद्र में रही 3.46 एकड़ जमीन से हटाकर अपने मूल भूखंड में लगा दिया.
भूमि रक्षा कमेटी के सचिव नकुल दास ने बताया कि सोमवार से किसान अपनी जमीन पर खेती शुरू करेंगे. आमन धान की रोपनी का काम शुरू होगा. रविवार की बैठक में यह निर्णय लिया गया. भारतीय जनता किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष नवेंदु सरकार ने बताया कि शनिवार को जहां साइनबोर्ड ले जाया गया है
वह गैरकृषि जमीन है. वहां पहले तालाब खोदा गया था. अब उसकी भराई कर हेलीपैड बनाया जायेगा. वहां हम लोग किसी तरह की बाधा नहीं डालेंगे. किसान अपनी जमीन में खेती करेंगे. अगर किसी तरह की बाधा दी गयी तो उसका प्रतिरोध पूरी ताकत से किया जायेगा.