हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स के कोयले की चोरी को लेकर उठ रहे सवाल, अभी नहीं सुलझी गुत्थी

पूर्व मेदिनीपुर में हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स (एचपीएल) के कोयला चोरी मामले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print | May 25, 2024 1:08 AM

हल्दिया

. पूर्व मेदिनीपुर में हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स (एचपीएल) के कोयला चोरी मामले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. मामले की जांच हल्दिया थाना कर रही है, लेकिन अभी तक मामले की गुत्थी नहीं सुलझी है. मामले को लेकर हल्दिया के एसडीपीओ अरिंदम अधिकारी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है. हर पहलू की तफ्तीश की जा रही है. जांच के मद्देनजर अभी कोई जानकारी साझा नहीं की जा सकती.

गत वर्ष 21 दिसंबर को हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स की ओर से हल्दिया थाने में कोयला चोरी की शिकायत दर्ज करायी गयी थी. शिकायत अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज करायी गयी. शिकायत में बताया गया कि एचपीएल ने वेसल एमवी वाडी टिबा से 32,300 मीट्रिक टन इंडोनेशियन कोयला आयात किया, जिसे हल्दिया डॉक काम्प्लेक्स (एचडीसीद्ध के बर्थ-एक पर उतार कर, एचपीएल के दो प्लॉट्स में क्रमशः 21781.62 मीट्रिक टन तथा 10518.38 मीट्रिक टन भंडारित किया गया, जिसमें हैंडलिंग एजेंट के रूप में मेसर्स रिप्ले एंड कंपनी स्टेवडोरिंग एंड हैंडलिंग और सी एंड एफए के रूप में मेसर्स एमके शिपिंग एंड चार्टरिंग कंपनी थे. एचपीएल के संयंत्र में कोयला पिछले वर्ष 14 अक्तूबर से छह नवंबर के बीच शिफ्ट किया गया. इसके बाद एचपीएल की ओर से बताया गया कि प्लांट में लगभग 1292 मीट्रिक टन कोयला कम पहुंचा है. इसके बाद हल्दिया थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्या कारण है कि लगभग एक महीने से ज्यादा समय के बाद मामले को लेकर पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज करायी गयी. उन्हें शिकायत करने में इतना समय क्यों लगा? हल्दिया बंदरगाह के प्रवेश द्वार पर सीसीटीवी है. वहां 24 घंटे केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों की निगरानी रहती है. उसके बाद भी इतने परिमाण में कोयले के रहस्यमय तरीके से गायब होने की बात को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है? किसने अस्थायी प्लॉट से कोयले की लोडिंग का आदेश दिया था, जबकि लोडिंग का आदेश स्थायी प्लॉट के लिए था? बताया जा रहा है कि हल्दिया बंदरगाह की ओर से पुलिस को पहले ही सीसीटीवी कैमरों की फुटेज सौंपी जा चुकी है. मामले की जांच के लिए बंदरगाह प्राधिकरण ने एक जांच समिति का गठन किया है. बंदरगाह प्रबंधन भी चाहता है कि मामले की जांच सटीक तरीके से हो, ताकि पूरी स्थिति स्पष्ट हो. उन्हें अंदेशा है कि मामले को लेकर कुछ जानकारी छिपायी जा रही है. इधर, सीआइएसएफ की भी एक रिपोर्ट एचडीसी को सौंपी गयी है, जिसमें जांच कार्यवाही के दौरान सामने आये तथ्यों का उल्लेख किया गया है और आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है.

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