शुभेंदु के खिलाफ विधानसभा में तृणमूल का विशेषाधिकार प्रस्ताव

संसदीय मंत्री ने विधानसभा में भड़काऊ टिप्पणी करने और मीडिया में गलत बयान देने के लिए विपक्ष के नेता के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 19, 2025 1:37 AM

माफी मांगें शुभेंदु : अध्यक्ष कोलकाता. विधानसभा में बजट सत्र के पांचवें दिन मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का अंतिम दिन था. इस दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सत्र में शामिल हुईं. हालांकि, सीएम के सदन में पहुंचने के पहले ही सत्तापक्ष की ओर से सदन में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया गया. तृणमूल की ओर से संसदीय कार्यमंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने इस प्रस्ताव को सदन में रखा गया, जिस पर शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम, वित्त राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य और खुद शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने सदन को संबोधित किया. संसदीय मंत्री ने विधानसभा में भड़काऊ टिप्पणी करने और मीडिया में गलत बयान देने के लिए विपक्ष के नेता के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. इसे मंत्री शोभनदेव चटर्जी ने पढ़ा. अरूप विश्वास और देवाशीष कुमार ने उनका समर्थन किया. शोभनदेब ने शुभेंदु के आचरण को घृणित व्यवहार बताया. उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए शर्म की बात है. लोकतंत्र में ऐसा करना उचित नहीं है. मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं. मुझे उम्मीद है कि देश भर के धर्मनिरपेक्ष लोग इसकी निंदा करेंगे. उन्होंने कहा कि सोमवार को विपक्षी नेता ने सदन में अध्यक्ष बिमान बनर्जी पर कागज फेंका था, जिस कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया है. हालांकि, शुभेंदु ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें हिंदुओं के पक्ष में बोलने के कारण निलंबित किया गया. इस मुद्दे पर अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा : विधानसभा कमजोर नहीं है. यह संदेश विपक्ष के नेता तक पहुंचा दिया जाये. मैं उनके बयान से बहुत दुखी हूं. हमारे विपक्षी सदस्यों को पता होना चाहिए कि यह विधानसभा सबकी है. यदि आप आलोचना करना चाहते हैं, तो यहां आयें. मंच विपक्ष का ही है. उन्होंने कहा : मुझे विश्वास है कि राज्य के लोग किसी के उकसाने पर भ्रमित नहीं होंगे और वे शांत रहेंगे. शुभेंदु को सदन में माफी मांगनी चाहिए. विपक्षी नेता के खिलाफ लाये गये अधिकारों के उल्लंघन का नोटिस संबंधित समिति को भेज दिया गया है. वहीं, शुभेंदु से अगले सत्र से पहले इस मुद्दे पर रिपोर्ट देने को कहा गया है.

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