सांसद इसीआइ पर चर्चा नहीं कर सकते केंद्र का यह दावा अधिकारों का उल्लंघन: डेरेक
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह दावा करना कि सांसद निर्वाचन आयोग पर चर्चा नहीं कर सकते, संसद के अधिकारों का उल्लंघन है.
कोलकाता/नयी दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह दावा करना कि सांसद निर्वाचन आयोग पर चर्चा नहीं कर सकते, संसद के अधिकारों का उल्लंघन है. उन्होंने आगामी शीतकालीन सत्र में भारत निर्वाचन आयोग (इसीआइ) पर चर्चा कराये जाने की मांग उठायी है. ओब्रायन ने बुधवार रात ‘ब्लॉगपोस्ट’ में कहा कि पिछले दो सत्रों में विपक्षी दलों ने चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए 100 से अधिक नोटिस दिये हैं. विपक्ष का रवैया चर्चा के नियम या नोटिस की शब्दावली को लेकर अड़ियल नहीं बल्कि लचीला है. तृणमूल नेता ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘आम चुनावों के 74 वर्ष – भारत की चिरस्थायी लोकतांत्रिक भावना का उत्सव’ शीर्षक वाले वाले नोटिस पर चर्चा क्यों नहीं की? ओब्रायन ने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग का बजट संसद की मंजूरी के अधीन है, इसलिए सांसद को आयोग की कार्यप्रणाली पर चर्चा करने का पूरा अधिकार है. बजट और मॉनसून सत्रों के दौरान मोदी सरकार ने यह बहाना बनाकर इस मुद्दे पर चर्चा कराने से मना कर दिया था कि संसदीय नियम संवैधानिक संस्थाओं पर बहस की अनुमति नहीं देते. संसद में पहले भी निर्वाचन आयोग पर चर्चा हुई है. सरकार का यह दावा करना हास्यास्पद है कि संसद में (इसीआइ) पर चर्चा नहीं की जा सकती, इसके पहले दिसंबर, 2023 में ही लोकसभा और राज्यसभा में चुनाव निकाय पर कुल मिलाकर सात घंटे तक चर्चा की गयी थी. सरकार को तर्कों के पीछे छिपने की बजाय इसीआइ पर पारदर्शी और ईमानदार चर्चा करनी चाहिए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
