डीजीपी राजीव कुमार की अग्रिम जमानत को चुनौती
सुप्रीम कोर्ट इस सप्ताह के अंत में सारदा चिटफंड घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल कैडर के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी और राज्य के डीजीपी राजीव कुमार को दी गयी अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआइ की याचिका पर सुनवाई करेगा.
कोलकाता/नयी दिल्ली.
सुप्रीम कोर्ट इस सप्ताह के अंत में सारदा चिटफंड घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल कैडर के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी और राज्य के डीजीपी राजीव कुमार को दी गयी अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआइ की याचिका पर सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने सोमवार को सीबीआइ की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर सुनवाई करते हुए मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर (शुक्रवार) के लिए निर्धारित की. सीबीआइ ने अपनी याचिका में कहा कि राजीव कुमार को गिरफ्तार कर पूछताछ करना आवश्यक है. वहीं, राजीव कुमार की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि उन्हें 2019 में अग्रिम जमानत मिलने के बाद से अब तक सीबीआइ ने एक बार भी जांच के लिए नहीं बुलाया है. मुख्य न्यायाधीश गवई ने सुनवाई के दौरान सवाल किया, “हमें यह मामला लंबित क्यों रखना चाहिए? आपने पिछले छह वर्षों में कुछ भी नहीं किया.” इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इस मामले में एक वरिष्ठ सीबीआइ अधिकारी के आवास को गुंडों ने घेर लिया था, जिसके बाद उन्हें अपने परिवार की सुरक्षा के लिए मदद मांगनी पड़ी थी. उन्होंने अनुरोध किया कि दीपावली की छुट्टियों के बाद अन्य लंबित याचिकाओं को भी एक साथ सुना जाए.बता दें कि कलकत्ता हाइकोर्ट ने एक अक्तूबर 2019 को राजीव कुमार को अग्रिम जमानत दी थी. अदालत ने आदेश दिया था कि अगर सीबीआइ उन्हें गिरफ्तार करती है, तो उन्हें 50,000 रुपये की दो जमानत राशि पर किसी उपयुक्त अदालत द्वारा तुरंत रिहा किया जाये. इसी आदेश को सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जनवरी 2019 में केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच बड़ा टकराव तब हुआ था जब सीबीआइ की टीम राजीव कुमार के आवास पर पूछताछ के लिए पहुंची, लेकिन स्थानीय पुलिस ने सीबीआइ अधिकारियों को हिरासत में ले लिया. इसके बाद सीबीआइ टीम को लौटना पड़ा था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कार्रवाई के विरोध में राजीव कुमार के समर्थन में धरना दिया था. 29 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ की अपील पर राजीव कुमार से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था और कहा था कि एजेंसी को यह स्पष्ट करना होगा कि उनकी हिरासत की आवश्यकता क्यों है.
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