भारतीय मछुआरों ने बांग्लादेश नौसेना के दावे को बताया आधारहीन, दिये सबूत
भारतीय मछुआरों के ट्रॉलर को बांग्लादेशी नौसेना के जहाज द्वारा टक्कर मारने व हमला करने के आरोप को लेकर एक बड़ा मोड़ सामने आया है. भारतीय मछुआरों ने इस घटना के प्रत्यक्ष भौतिक प्रमाण पेश कर दिये हैं.
कोलकाता.
भारतीय मछुआरों के ट्रॉलर को बांग्लादेशी नौसेना के जहाज द्वारा टक्कर मारने व हमला करने के आरोप को लेकर एक बड़ा मोड़ सामने आया है. भारतीय मछुआरों ने इस घटना के प्रत्यक्ष भौतिक प्रमाण पेश कर दिये हैं. बरामद किये गये डूबे भारतीय ट्रॉलर से बांग्लादेशी युद्धपोत के टूटे हुए हिस्से और जहाज का रंग लगे अवशेष बरामद किये गये हैं. यह सबूत भारतीय तटरक्षक बल के डिप्टी कमांडेंट को सौंपे गये हैं. मछुआरा मजदूर यूनियन के सचिव सतीनाथ पात्र ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि भारतीय फिशिंग बोट पर बांग्लादेशी नौसेना के जहाज के टकराने के स्पष्ट निशान मिले हैं. इससे बांग्लादेश नौसेना के उस दावे पर सवाल खड़े हो गये हैं, जिसमें उन्होंने घटना में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया था. इससे पहले बांग्लादेश सशस्त्र बलों के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आइएसपीआर) के प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल शमीउद्दौला चौधरी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा था कि बांग्लादेश नौसेना के गश्ती जहाज ने किसी भी भारतीय मछुआरे के ट्रॉलर को टक्कर नहीं मारी है और न ही हमला किया. उनके अनुसार जिस समय दक्षिण 24 परगना के नामखाना का ट्रॉलर पारमिता-10 दुर्घटनाग्रस्त हुआ, उस समय बांग्लादेशी नौसेना का गश्ती जहाज घटनास्थल से 12 मील से अधिक दूर था. बयान में यह भी कहा गया कि 15 दिसंबर को भारतीय कोस्ट गार्ड की ओर से ढाका स्थित एमआरसीसी को ई-मेल के जरिये ट्रॉलर डूबने की सूचना दी गयी थी. हालांकि, अब मछुआरों द्वारा पेश किये गये सबूतों के बाद बांग्लादेश के इन दावों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. इस घटना को लेकर मछुआरों में भारी नाराजगी देखी जा रही है.भारतीय मछुआरों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा से दूर रहने की सलाहबांग्लादेशी नौसेना के जहाज द्वारा भारतीय मछुआरों के एक ट्रॉलर को टक्कर मारने व हमला किये जाने के आरोप के बाद भारतीय मछुआरों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता और बढ़ा दी गयी है. अब, मछुआरों के संगठनों द्वारा भारतीय मछुआरों को भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा से कम से कम 5.4 नॉटिकल मील यानी लगभग 10 किलोमीटर भीतर रहकर मछली पकड़ने की सलाह दी गयी है. बताया जा रहा है कि बीते सोमवार को बांग्लादेशी नौसेना के जहाज की टक्कर से एक भारतीय ट्रॉलर डूब गया था. इस घटना के बाद समुद्र में मछली पकड़ने गये अन्य ट्रॉलरों के चालक और मछुआरे दहशत में हैं. अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के पास जाने से वे डर महसूस कर रहे हैं. घटना के बाद विभिन्न मछुआरा संगठनों ने बैठक कर स्थिति पर चर्चा की. काकद्वीप और नामखाना इलाके के मछुआरों का कहना है कि बांग्लादेशी नौसेना की कथित आक्रामक कार्रवाई से उनकी जान को खतरा पैदा हो गया है. मछुआरों को सलाह दी गयी है कि वे जाल डालने से पहले अपनी लोकेशन की सटीक जानकारी रखें और सीमा के पास जाने से बचें. मछुआरों के संगठनों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा से लगभग 10 किलोमीटर भीतर मछली पकड़ने से किसी भी तरह की टकराव की आशंका कम होगी.
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