राज्य सरकार ने एनजीटी के समक्ष पेश की रिपोर्ट
इसके साथ ही, राज्य ने हावड़ा नगर निगम के लिए एक समर्पित कचड़ा प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के लिए अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं.
200 करोड़ खर्च कर बेलगछिया डंप यार्ड की समस्या के स्थायी समाधान का आश्वासन
कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार ने हावड़ा शहर में स्थित बेलगाछिया डंप यार्ड में बढ़ते सॉलिड-वेस्ट मैनेजमेंट संकट से निपटने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी), ईस्टर्न ज़ोन बेंच के सामने एक विस्तृत, समय-सीमा वाली कार्य योजना पेश की है. राज्य शहरी विकास एजेंसी (एसयूडीए) की निदेशक जोली चौधरी द्वारा दायर हलफनामा एनजीटी के 25 सितंबर, 2025 के आदेश के बाद आया है, जिसमें डंप यार्ड की गंभीर स्थिति के बारे में चेतावनी दी गयी थी. ट्रिब्यूनल ने राज्य को पर्यावरण कार्यकर्ता सुभाष दत्ता द्वारा दायर मामले के संबंध में स्पष्ट समय-सीमा, बजट और जवाबदेही तंत्र के साथ एक ठोस रोडमैप प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. हलफनामे के अनुसार, राज्य ने चरण I और चरण II के तहत बेलगाछिया ट्रेंचिंग ग्राउंड में पुराने कचरे की बड़े पैमाने पर बायो-माइनिंग और भूमि सुधार के लिए लगभग 96 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं, जिसमें पूरा काम दिसंबर 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है. कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) के माध्यम से लागू की जा रही इस परियोजना का लक्ष्य मानसून की रुकावटों को ध्यान में रखते हुए, लगभग 2,000 टन प्रति दिन की नियोजित दर से, लगभग 10 लाख मीट्रिक टन जमा कचड़े का प्रसंस्करण करना है. इसके साथ ही, राज्य ने हावड़ा नगर निगम के लिए एक समर्पित कचड़ा प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के लिए अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं.
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