फर्जी दस्तावेज पकड़े जाने पर सात साल की सजा
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) प्रकिया के दौरान फर्जी दस्तावेज देने वाले मतदाताओं को जेल जाना पड़ सकता है.
कोलकाता. मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) प्रकिया के दौरान फर्जी दस्तावेज देने वाले मतदाताओं को जेल जाना पड़ सकता है. मंगलवार को चुनाव आयोग ने फर्जी मतदाताओं को रोकने के लिए यह घोषणा की है. जानकारी के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति वोटर कार्ड, आधार कार्ड, जन्म, शादी व मृत्यु सर्टिफिकेट, कोर्ट और सरकारी कार्यालय से जुड़ा दस्तावेज, सरकारी कर्मचारी द्वारा जारी सर्टिफिकेट या पावर ऑफ अटॉर्नी जैसे जरूरी दस्तावेज में जालसाजी करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जुर्माने के साथ सात साल की जेल हो सकती है. आयोग फर्जी वोटरों को पकड़ने के लिए पहले ही एआइ का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. एआइ की मदद से हर वोटर के नाम और फोटो समेत सभी जानकारी को खंगाला जा रहा है.
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