संविधान के मूल सिद्धांतों पर मंडरा रहा खतरा : तृणमूल

संविधान दिवस के अवसर पर बुधवार को तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर अप्रत्यक्ष हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा समय में संविधान के मूल सिद्धांतों पर निरंतर खतरा मंडरा रहा है और इन्हें बचाये रखना देश की प्राथमिक जिम्मेदारी है.

By BIJAY KUMAR | November 26, 2025 11:25 PM

कोलकाता.

संविधान दिवस के अवसर पर बुधवार को तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर अप्रत्यक्ष हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा समय में संविधान के मूल सिद्धांतों पर निरंतर खतरा मंडरा रहा है और इन्हें बचाये रखना देश की प्राथमिक जिम्मेदारी है. पार्टी की ओर से सोशल मीडिया पर जारी आधिकारिक संदेश में कहा गया कि संविधान भारत का ‘नैतिक कंपास’ है और आज वही मूल अधिकार, स्वतंत्रता और संस्थागत स्वायत्तता सबसे अधिक दबाव में हैं.तृणमूल ने 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा संविधान अंगीकार करने को याद करते हुए कहा कि यह दस्तावेज केवल कानून की किताब नहीं, बल्कि राज्य और जनता के बीच एक ‘पवित्र अनुबंध’ है, जिसे वर्षों की बहस, त्याग और विद्वता के बाद तैयार किया गया था. पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियां संविधान की भावना से मेल नहीं खातीं और लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता लगातार कमजोर की जा रही है. पार्टी ने संदेश में कहा कि न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल मूल्य ही भारत की असली ताकत हैं और बंगाल सरकार इन सिद्धांतों को अक्षरशः लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. तृणमूल का दावा है कि राज्य में हर नागरिक के अधिकार और गरिमा की रक्षा उसके शासन का प्रमुख दायित्व है और संविधान की अनदेखी किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जायेगी.

पार्टी ने आगे यह भी कहा कि “मौजूदा परिस्थितियों में संविधान को उसकी पूरी भावना के साथ लागू करना बेहद जरूरी है, क्योंकि लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा तभी संभव है, जब संस्थाओं की स्वतंत्रता और नागरिकों के अधिकार सुरक्षित हों. तृणमूल संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है और किसी भी दबाव में आकर इसके मूल्यों से समझौता नहीं किया जायेगा.”

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