आरजी कर कांड : कई सवालों के नहीं मिले जवाब, हाइकोर्ट ने सीबीआइ से रिपोर्ट मांगी
पिछली रिपोर्टों से यह भी पता चला था कि तीन नये लोगों के कॉल डिटेल की जांच की जा रही है.
कोलकाता. महानगर के चर्चित आरजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जूनियर महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या मामले में निचली अदालत ने मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है, लेकिन इस घटना में अभी भी कई सवाल ऐसे हैं, जिनका जवाब अब तक नहीं मिला है. इस संदर्भ में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय खुफिया एजेंसी सीबीआइ से रिपोर्ट तलब की है. हाल ही में सीबीआइ ने आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में सियालदह अदालत में तीसरी ””””जांच रिपोर्ट”””” पेश की. सूत्रों के अनुसार, इसमें 12 नये लोगों की गवाही दर्ज करने व 200 वीडियो क्लिप की जांच करने की बात कही गयी है. लेकिन अभी भी कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब सीबीआइ नहीं दे पायी है. इससे पहले सीबीआइ ने अदालत को तीन पेज की ””””जांच रिपोर्ट”””” पेश कर बताया था कि मामले में कई नये लोगों के बयान दर्ज किये गये हैं. साथ ही अस्पताल के अन्य क्षेत्रों से सीसीटीवी फुटेज एकत्र कर उनकी जांच की जा रही है. पिछली रिपोर्टों से यह भी पता चला था कि तीन नये लोगों के कॉल डिटेल की जांच की जा रही है. हालांकि, मृतका का परिवार शुरू से ही इस जांच से खुश नहीं था. अब तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि सेमिनार कक्ष के बगल वाले कमरे की दीवार क्यों तोड़ी गयी, इसका उद्देश्य क्या था और किसके आदेश पर ऐसा किया गया. हाइकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश दिये जाने के बाद ध्वस्तीकरण का काम जल्दबाजी में शुरू हुआ. वास्तविक उद्देश्य क्या था? वहीं, कॉरिडोर वाले क्षेत्र में जिस कमरे को सबसे पहले तोड़ा गया था, उसके दो दरवाजे पहले से टूटे हुए थे. निचली अदालत के फैसले में भी इसका उल्लेख है. क्या इस टूटे दरवाजे से किसी ने भी किसी व्यक्ति को अंदर आते और जाते हुए नहीं देखा? और सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या एक व्यक्ति के लिए ऐसा करना संभव है? क्या पीड़ित ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की? सीबीआइ के आरोपपत्र में कहा गया है कि आरोपी नशे की हालत में था. ऐसे में वह इतने कम समय में अकेले ऐसा काम कैसे कर सकता है? बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की अदालत में सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने कहा कि निचली अदालत में मुकदमा चल रहा है और इसे नकारा नहीं जा सकता. निचली अदालत में आरोप तय हो चुका है. एक व्यक्ति को दोषी ठहराया गया है, लेकिन अब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिले हैं. न्यायाधीश ने सीबीआइ से इस बारे में रिपोर्ट पेश की है. मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी.
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