ईआरओ की नियुक्ति में गड़बड़ी पर मुख्य सचिव से मांगा स्पष्टीकरण
एसडीओ से नीचे के रैंक के लोगों की नियुक्ति क्यों की गयी, इस पर सवाल उठाये गये हैं. चुनाव आयोग ने बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से ईआरओ और एईआरओ की नियुक्ति प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण मांगा है. चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र भेजकर पूछा है.
कोलकाता
. भारतीय चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) शुरू करने की प्रक्रिया आरंभ की है, लेकिन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही ममता बनर्जी सरकार और केंद्र में घमासान मचा हुआ है. अब चुनाव आयोग व मुख्य सचिव के बीच इस मुद्दे पर ठन गयी है. बंगाल में ईआरओ की नियुक्ति में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं. एसडीओ से नीचे के रैंक के लोगों की नियुक्ति क्यों की गयी, इस पर सवाल उठाये गये हैं. चुनाव आयोग ने बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से ईआरओ और एईआरओ की नियुक्ति प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण मांगा है. चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र भेजकर पूछा है. गौरतलब है कि शुक्रवार को राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी यही शिकायत की थी. इससे पहले चुनाव आयोग ने तीन अक्तूबर को विपक्ष के नेता की शिकायत से बहुत पहले ही यह मुद्दा उठाया था. राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव से यह पता लगाने को कहा है कि ईआरओ की नियुक्ति के लिए विशिष्ट प्रक्रिया क्या है, उनकी नियुक्ति किस पद्धति से की जायेगी, उनका पद क्या होना चाहिए. ऐसा प्रतीत होता है कि इस नियम का उल्लंघन हो रहा है. एसडीओ रैंक के अधिकारी से नीचे की नियुक्ति पर सवालकई बार राज्य सरकार ने सूचित किया है कि एसडीओ या उनके रैंक के अधिकारियों की कम संख्या के कारण ऐसा निर्णय लिया गया है, लेकिन इस मामले में, राज्य ने इस संबंध में राष्ट्रीय चुनाव आयोग के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की है. इससे पहले राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी. उनके अनुसार, जब एसआइआर का काम चल रहा होगा, तो ईआरओ, एईआरओ की जिम्मेदारी बेहद अहम होगी. अगर उनकी नियुक्ति पर सवाल उठेगा, तो एसआइआर की प्रक्रिया पर भी सवाल उठेंगे.
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