राष्ट्रपति व राज्यपाल समय सीमा के दायरे में नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य विधानसभाओं में पारित विधेयकों को मंजूरी देने के संबंध में राज्यपाल एवं राष्ट्रपति के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की जा सकती

By SANDIP TIWARI | November 21, 2025 1:10 AM

नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य विधानसभाओं में पारित विधेयकों को मंजूरी देने के संबंध में राज्यपाल एवं राष्ट्रपति के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की जा सकती. शीर्ष अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी विधेयकों को मंजूरी प्रदान नहीं कर सकता. अपने सर्वसम्मत फैसले में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह भी कहा कि राज्यपाल अनुच्छेद 200 के तहत प्रदत्त अधिकारों से परे जाकर विधेयकों को लंबित नहीं रख सकते. प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, हमें नहीं लगता कि राज्यपालों के पास राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर रोक लगाने की असीमित शक्ति है. पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति ए एस चंदुरकर भी शामिल थे. पीठ ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में राज्यपालों के लिए समय-सीमा तय करना संविधान द्वारा प्रदत्त लचीलेपन के विरुद्ध है.

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