कोल्ड स्टोरेज में आलू संरक्षण अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ी
राज्य सरकार ने कोल्ड स्टोरेजों में आलू संरक्षण की वैधानिक अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है. अब यह अवधि 30 नवंबर की जगह 31 दिसंबर 2025 तक मान्य होगी.
50,000 क्विंटल आलू सीधे किसानों से खरीदेगी राज्य सरकार
संवाददाता, कोलकाता/हुगली
राज्य सरकार ने कोल्ड स्टोरेजों में आलू संरक्षण की वैधानिक अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है. अब यह अवधि 30 नवंबर की जगह 31 दिसंबर 2025 तक मान्य होगी. यह जानकारी गुरुवार को राज्य के कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना ने दी. मंत्री ने बताया कि बढ़ी हुई अवधि के लिए कोल्ड स्टोरेज किराया भी निर्धारित कर दिया गया है. दक्षिण बंगाल में 20.22 रुपये प्रति क्विंटल तथा उत्तर बंगाल में 20.66 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कोल्ड स्टोरेज संचालकों को अतिरिक्त किराया वसूलने की अनुमति दी गयी है. राज्य सरकार ने ‘पोटैटो प्रोक्योरमेंट स्कीम 2025’ लागू करने की भी घोषणा की है. इसके तहत सरकार 50,000 क्विंटल आलू सीधे किसानों से खरीदेगी. योजना का उद्देश्य किसानों को न्यूनतम लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराना और मुनाफाखोर व्यापारियों की मनमानी पर रोक लगाना है. बेचाराम मन्ना ने कहा कि संरक्षण अवधि समाप्त होते ही कुछ व्यापारी किसानों पर दबाव बनाकर उनकी फसल कम कीमत पर खरीदने की कोशिश करते थे. समय सीमा बढ़ाये जाने से किसानों को अपनी उपज उचित मूल्य पर बेचने के लिए अधिक अवसर मिलेगा. सरकार का मानना है कि इससे बाजार में आलू की उपलब्धता और मूल्य स्थिर रखने में भी मदद मिलेगी. व्यापारियों के संगठन के अनुसार, उत्तर और दक्षिण बंगाल के 19 जिलों स्थित 519 हिमघरों में करीब दो करोड़ 65 लाख पैकेट आलू अब भी भरे हुए हैं. अत्यधिक उत्पादन के कारण किसान एक साथ आलू निकालने से बच रहे थे, क्योंकि इससे बाजार में कीमतें गिर सकती थीं.
किसानों की मदद के लिए सरकार ने 50 किलो के पैकेट का मूल्य 450 रुपये तय कर सीधे खरीद भी शुरू कर दी है. साथ ही, कालाबाजारी रोकने के लिए हिमघरों की 30 प्रतिशत क्षमता को सरकारी नियंत्रण में रखने का निर्णय लिया गया है. ‘सुफल बांग्ला’ योजना के तहत सरकार अब तक 75 हजार क्विंटल आलू किसानों से खरीद चुकी है. इस वर्ष राज्य के 519 कोल्ड स्टोरेजों में कुल 70.85 लाख टन आलू रखा गया है, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है.
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