हल्दिया में बाघ जैसा जानवर दिखने से लोगों में दहशत
औद्योगिक नगरी हल्दिया के आसपास आर्द्रभूमि और जंगल हैं. इन जंगलों में कई प्रजातियों के पशु-पक्षी रहते हैं. इस बार औद्योगिक नगरी हल्दिया में बाघ जैसा एक जानवर देखा गया.
प्रतिनिधि, हल्दिया
औद्योगिक नगरी हल्दिया के आसपास आर्द्रभूमि और जंगल हैं. इन जंगलों में कई प्रजातियों के पशु-पक्षी रहते हैं. इस बार औद्योगिक नगरी हल्दिया में बाघ जैसा एक जानवर देखा गया. इसे लेकर पूरे हल्दिया में हड़कंप मच गया. हल्दिया सिटी सेंटर के पास गोकुल खाद्य तेल कारखाने की दीवार पर लगे लोहे के तार के जाल में वह जानवर फंस गया था. वह बिल्कुल बाघ जैसा दिख रहा था. उसकी दहाड़ भी बाघ जैसी ही थी. इसे देखकर मजदूर और राहगीर पहले तो डर गये. बाद में जानवर की पहचान जानने के बाद सभी ने राहत की सांस ली. बुधवार दोपहर सोमनाथ दास नामक एक मजदूर ने सबसे पहले पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच के सूताहाटा हल्दिया विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक और शिक्षक अनूप कुमार पांजा और सर्पदंश विशेषज्ञ व पशुमित्र नकुल चंद्र घन को मामले की जानकारी दी. सूताहाटा हल्दिया विज्ञान केंद्र ने वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया. इसके बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर आकर जानवर को बचाया. लोहे के तार में फंसने से जानवर घायल हो गया था. हल्दिया वन विभाग अधिकारी अतुल प्रसाद दे ने कहा कि खबर मिलने के बाद हमने जानवर को बचाया. स्थानीय लोग डरे हुए थे. उन्हें लगा कि यह बाघ है. दरअसल यह जानवर बाघ जैसा दिखता है. ये ज्यादातर आर्द्रभूमि में देखे जाते हैं. इसे बाघरोल के नाम से जाना जाता है. ये भोजन की तलाश में बाहर आते हैं. यह जानवर राज्य में सबसे ज्यादा संख्या में पूर्व मेदिनीपुर जिले में पाया जाता है. जानवर जख्मी है. उसका उपचार कर इसे जंगल में छोड़ने की व्यवस्था की जायेगी.
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