मतदाता सूची से कट सकते हैं 58 लाख से अधिक नाम

राज्य की मतदाता सूची से 58 लाख आठ हजार 202 लोग बाहर हो सकते हैं.चुनाव आयोग के मुताबिक, अब तक राज्य में मृतक वोटरों की संख्या 24 लाख 18 हजार 699 है. इसके अलावा 12 लाख एक हजार 462 लोगों का पता नहीं चल पाया है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | December 12, 2025 1:15 AM

संवाददाता, कोलकाता

राज्य की मतदाता सूची से 58 लाख आठ हजार 202 लोग बाहर हो सकते हैं.चुनाव आयोग के मुताबिक, अब तक राज्य में मृतक वोटरों की संख्या 24 लाख 18 हजार 699 है. इसके अलावा 12 लाख एक हजार 462 लोगों का पता नहीं चल पाया है. अगर संबंधित बूथ लेवल ऑफिसर किसी वोटर के घर उसकी तलाश में तीन या उससे ज्यादा बार जाता है, लेकिन उसके बाद भी वोटर नहीं मिलता है, तो उसे लापता लिस्ट में रखा जाता है. राज्य में कुल 19 लाख 93 हजार 87 मतदाताओं ने अपना पता बदल लिया है. उनके नाम एक से ज्यादा जगहों की वोटर लिस्ट में थे. उनके नाम एक ही जगह पर रखकर बाकी जगहों से हटा दिया जायेगा. आयोग ने अब तक राज्य में कुल एक लाख 37 हजार 575 फर्जी मतदाताओं की पहचान की है. उनके नाम भी ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं होंगे. इसके अलावा 57 हजार 509 लोगों को अन्य सूची में रखा गया है, इनका नाम भी बाहर कर दिया जायेगा.

16 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित की जायेगी. अगर लिस्ट में कोई शिकायत या गलती है, तो आयोग को इसकी सूचना दी जा सकती है. उसी आधार पर सुनवाई होगी. कमीशन सबूतों को वेरिफाई करने के बाद फाइनल लिस्ट तैयार करेगा. इसका प्रकाशन 14 फरवरी को होगा. सूत्रों के अनुसार आयोग ने वोटरों को तीन लिस्ट में बांटा है. इसमें स्वत: मैपिंग, प्रजिनी मैपिंग और नॉन-मैपिंग हैं. जिनके नाम 2002 की वोटर लिस्ट में थे (राज्य में आखिरी एसआइआर 2002 में हुआ था) उन्हें स्वत: मैपिंग लिस्ट में शामिल किया गया है. इसके तहत दो करोड़ 93 लाख 69 हजार 188 वोटरों की पहचान की गयी है. जिनके नाम 2002 की लिस्ट में नहीं हैं, लेकिन उनके माता-पिता या रिश्तेदारों के नाम हैं, वे प्रजिनी मैपिंग लिस्ट में हैं. राज्य में ऐसे वोटरों की संख्या तीन करोड़ 84 लाख 55 हजार 939 है. इसके अलावा 30 लाख वोटर ऐसे हैं, जिनके नाम या उनके रिश्तेदारों के नाम 2002 की लिस्ट में नहीं हैं, वे नॉन-मैपिंग लिस्ट में हैं. इस तीसरी लिस्ट में शामिल सभी लोगों को आयोग सुनवाई के लिए बुलायेगा. उनके सबूतों और दस्तावेजों की जांच की जायेगी. इसके अलावा अगर पहली दो लिस्ट में किसी भी वोटर की जानकारी पर कोई शक है, तो उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जा सकता है.

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