पूर्व अनुमति के बिना कोई यात्रा नहीं : मुख्य सचिव
सख्ती. सरकारी अधिकारियों की विदेश यात्रा को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी
सख्ती. सरकारी अधिकारियों की विदेश यात्रा को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी
निर्देश का उल्लंघन करने पर प्रशासनिक कार्रवाई होगी
कोलकाता. राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की विदेश यात्रा को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किये हैं. राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में चाहे वह व्यक्तिगत विदेश यात्रा हो, एलटीसी (अवकाश यात्रा रियायत) पर हो या सरकारी काम से यात्रा हो, पूर्व अनुमति के बिना यात्रा या आवास की व्यवस्था नहीं की जायेगी. नबान्न से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि हाल ही में विभिन्न विभागों के कुछ सरकारी कर्मचारी बिना आवश्यक अनुमति के विदेश यात्रा से संबंधित टिकट बुकिंग, होटल आरक्षण और अन्य व्यवस्था कर रहे हैं. ऐसे कदम प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन हैं और सरकारी नियमों व प्रक्रियात्मक नीतियों की अवमानना मानी जायेगी. मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि केवल इसलिए कोई छूट नहीं दी जायेगी कि यात्रा या आवास की व्यवस्था पहले से कर ली गयी है. सरकारी नियमों के अनुसार, विदेश यात्रा के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य है और इसका पालन न करने पर संबंधित कर्मचारी के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है. अधिसूचना में आगे कहा गया है कि प्रशासनिक अनुशासन और प्रक्रियात्मक मानदंडों को बनाये रखने के लिए सभी विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें कि सामान्य परिस्थितियों में यात्रा की अनुमति के लिए आवेदन किसी कर्मचारी की अवकाश अवधि शुरू होने से कम से कम चार सप्ताह पहले भेजा जाये. अंतिम समय में प्रस्ताव भेजने या बिना स्वीकृति बुकिंग करने की अनुमति नहीं होगी. सूत्रों के अनुसार, ये दिशानिर्देश विदेश यात्रा से संबंधित अनुमति प्रक्रिया में नियमित अनुशासन लाने और कर्मचारियों में नियमों के पालन की संस्कृति स्थापित करने के उद्देश्य से हैं. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि हर यात्रा को मंजूरी देने की एक खास प्रक्रिया होती है. यदि इसे नजरअंदाज करके पहले से बुकिंग कर ली जाती है, तो बाद में अनुमति देना प्रशासन के लिए नामुमकिन हो जाता है. इसके अलावा अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कई सरकारी अधिकारी और कर्मचारी यात्रा की पूरी तैयारी पहले से करने के बाद नाममात्र की अनुमति के लिए आवेदन करते हैं. यह व्यवहार किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जायेगा. मुख्य सचिव ने इस संबंध में राज्य के अपर सचिव, विशेष सचिव और सचिवों को सीधे निर्देश दिये हैं. माना जा रहा है कि इस कदम से प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर विदेश यात्राओं की अनुमति देने की प्रक्रिया और अधिक कड़ी और पारदर्शी हो जायेगी.
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