रत्ना के प्रति कोई सामाजिक जिम्मेदारी नहीं रह गयी, फैसले के बाद बोले शोभन चटर्जी
अलीपुर कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व मेयर शोभन चटर्जी भी फैसले को अपनी हार नहीं मान रहे हैं.
कोलकाता. अलीपुर कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व मेयर शोभन चटर्जी भी फैसले को अपनी हार नहीं मान रहे हैं. शोभन का दावा है कि जिस तरह से शुक्रवार को कोर्ट ने उनकी पत्नी रत्ना चटर्जी की याचिका खारिज कर दी, उससे अब इस रिश्ते के प्रति उनकी कोई ””सामाजिक ज़िम्मेदारी”” नहीं रह गयी है. उन्होंने आगे के कदमों के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा क्योंकि उन्हें अभी तक फैसले की कॉपी नहीं मिली है. हालाकि, शोभन ने कहा कि रत्ना के साथ अब भी जो ””कानूनी दायित्व”” है, उसे तोड़ने के लिए वह हर संभव कदम उठायेंगे. वह उच्च न्यायालय का रास्ता अपना सकते हैं. सूत्रों के अनुसार शोभन ने इस संबंध में वकीलों से फोन पर शुरुआती सलाह-मशविरा भी कर लिया है. शोभन ने आगे कहा, “जिन कारणों से वह याचिका खारिज की गयी, वे तलाक के लिए पर्याप्त थे. शोभन ने कहा, “मैंने सुना है कि अदालत के फैसले में कहा गया है कि यह वैवाहिक रिश्ता बेहद कड़वाहट और दुश्मनी की स्थिति में पहुंच गया है और इसे सुधारने का कोई रास्ता नहीं है. इसीलिए साथ रहने की याचिका खारिज कर दी गयी है. अगर अदालत ने मान लिया है कि यह रिश्ता बेहद कड़वाहट भरा है और इसे सुधारने का कोई रास्ता नहीं है, तो मुझे समझ नहीं आता कि अलग होने पर कोई आपत्ति क्यों होगी. उनका कहना था कि मुझे जो भी कदम उठाने होंगे, मैं ज़रूर उठाऊंगा. जहां तक जाना होगा, मैं जाऊंगा.
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