गणित का डर खत्म करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की नयी पहल

विशेषज्ञों का मानना है कि विद्यार्थी कमोबेश गणित से डरते हैं. चाहे वह घर पर ट्यूशन पढ़ना हो या स्कूल की कक्षाओं में.

By Prabhat Khabar News Desk | March 6, 2025 12:50 AM

कोलकाता. ज्यादातर छात्रों को अंग्रेजी और गणित जैसे विषयों में डर लगता है. गणित बच्चों के लिए कठिन विषय माना जाता है. गणित की परीक्षा के दौरान आमतौर पर छात्र चिंतित नजर आते हैं. इसी कारण राज्य सरकार ने विद्यार्थियों में इस डर को खत्म करने की पहल की है. विशेषज्ञों का मानना है कि विद्यार्थी कमोबेश गणित से डरते हैं. चाहे वह घर पर ट्यूशन पढ़ना हो या स्कूल की कक्षाओं में. खासकर उच्च माध्यमिक स्तर के छात्रों में. किसी तरह बच्चे पास होने लायक अंक पाने की कोशिश करते हैं. राज्य का स्कूल शिक्षा विभाग विद्यार्थियों में इस डर को दूर करने के लिए छात्रों को डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर रहा है. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह पहल 2025-26 तक के लिए की जा रही है. पता चला है कि शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु 10 मार्च को विभाग के बजट में इस मुद्दे को विधानसभा में पेश कर सकते हैं. बजट पुस्तिका में कहा गया है कि उच्च माध्यमिक स्तर तक गणित पढ़ाने और सीखने के लिए डिजिटल सामग्री की गुणवत्ता में सुधार करने की जरूरत है. इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों में गणित के प्रति भय को खत्म करना और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके गणित में उनकी रुचि बढ़ाना है. स्कूलों की देखरेख राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) द्वारा की जाती है. छात्रों को यह डिजिटल सामग्री वेबसाइट https://sekha-scert.wb.gov.in से मिलेगी. वहां छात्र स्वयं देख सकते हैं. पढ़ सकते हैं और सीख सकते हैं. इसका नाम रखा गया है ””स्वअध्ययन, स्वशिक्षण.’ इसमें छात्रों के लिए स्वशिक्षण की व्यवस्था होगी. पहले अंग्रेजी विषयों के लिए ऐसी व्यवस्था थी. अब इसमें गणित भी जोड़ दी गयी है. अगर विद्यार्थियों को कोई समस्या होगी, तो वे शिक्षकों से प्रश्न पूछ सकें. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इसका उद्देश्य छात्रों में गणित के प्रति रुचि पैदा करना है, ताकि वे परीक्षा के दौरान तनावग्रस्त न हों.

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