कोलकाता से 300 से अधिक दुर्गा प्रतिमाएं भेजी गयीं विदेश

वर्ष 2024 के 240 के रिकॉर्ड को पार कर गया इस साल सात समंदर पार भेजी गयीं प्रतिमाओं का आंकड़ा

By SANDIP TIWARI | September 3, 2025 11:27 PM

वर्ष 2024 के 240 के रिकॉर्ड को पार कर गया इस साल सात समंदर पार भेजी गयीं प्रतिमाओं का आंकड़ा

कोलकाता. उत्तर कोलकाता में मिट्टी की मूर्तियां बनाने के लिए प्रसिद्ध कॉलोनी कुम्हारटोली से इस वर्ष देवी दुर्गा और अन्य देवी-देवताओं की 300 से अधिक प्रतिमाएं विदेश भेजी गयीं और यह आंकड़ा वर्ष 2024 के 240 के रिकॉर्ड को पार कर गया. कुम्हारों के एक संगठन ने यह जानकारी दी. पिछले वर्ष संभवतः भू-राजनीतिक स्थिति के कारण रूस से मूर्ति के लिए कोई ऑर्डर नहीं आया, लेकिन कुम्हारटोली को 2025 में रूस से एक मूर्ति का ऑर्डर मिला, साथ ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जापान, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, इटली और सिंगापुर जैसे देशों से भी एक-एक मूर्ति का ऑर्डर मिला. विदेश में भेजने के लिए तैयार की जाने वालीं अधिकांश मूर्तियां फाइबरग्लास से बनी होती हैं, क्योंकि वे अधिक टिकाऊ होती हैं और उन्हें भेजना आसान होता है.

कुम्हारटोली मृति शिल्पी समिति के प्रवक्ता ने बताया : इस वर्ष विदेश भेजी गयी मूर्तियों की संख्या 300 का आंकड़ा पार कर चुकी है. पिछले वर्ष यह संख्या लगभग 240 थी. महामारी के दौरान गिरावट के बाद हाल के वर्षों में यहां से विदेश भेजी जाने वाली दुर्गा मूर्तियों की संख्या में वृद्धि हुई है. प्रवक्ता ने बताया कि इससे पहले दुर्गापूजा के लिए लगभग 100 मूर्तियां विदेश भेजी गयी थीं. पांच दिवसीय दुर्गापूजा महोत्सव इस वर्ष 28 सितंबर से शुरू होगा. शिल्पकार कौशिक घोष ने बताया कि उन्होंने फाइबरग्लास की 37 मूर्तियां बनायी हैं और उन्हें रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों में भेजा है.

घोष ने कहा : पिछले साल रूस की दुर्गापूजा समिति यूक्रेन के साथ युद्ध के कारण मूर्ति का ऑर्डर नहीं दे सकी थी. इस साल उन्होंने पूजा का आयोजन करने का फैसला किया. यह पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. उन्होंने बताया कि अकेले अमेरिका में कम से कम छह मूर्तियां भेजी गयी हैं. एक अन्य प्रमुख मूर्तिकार मिंटू पाल ने कहा कि पारंपरिक मूर्तियों की मांग प्रमुख है. उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन के अलावा कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड, इटली को लगभग 25 मूर्तियां भेजी हैं.

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