तटबंध टूटने से कई मकान नदी में समायेखड़गपुर. झाड़ग्राम जिले के गोपीबल्लभपुर-2 ब्लॉक के मालिंचा गांव में स्वर्णरेखा नदी इस समय ग्रामीणों के लिए कहर बनकर टूटी है. उफान भरी नदी लगातार तट तोड़ रही है, जिससे कई मकान, खेत और सब्जी बागान पानी में समा चुके हैं. हालात से गांव के लोग दहशत में हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, लगातार भारी बारिश और झारखंड स्थित गालुडी डैम से छोड़े गये पानी के कारण स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. तेज बहाव से नदी ने तट तोड़ना शुरू कर दिया है. अब तक कई मकान और खेल का मैदान नदी की धारा में बह गये हैं. लगभग ढाई सौ परिवार वाले इस गांव के लोग पलायन की आशंका जता रहे हैं. बताया जाता है कि इससे पहले राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने मालिंचा गांव का दौरा कर प्रशासन को नदी तट को मजबूत करने के निर्देश दिये थे. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं, जिसके चलते मकान लगातार नदी में समा रहे हैं.
झाड़ग्राम जिले के गोपीबल्लभपुर-2 ब्लॉक के मालिंचा गांव में स्वर्णरेखा नदी इस समय ग्रामीणों के लिए कहर बनकर टूटी है.
खड़गपुर. झाड़ग्राम जिले के गोपीबल्लभपुर-2 ब्लॉक के मालिंचा गांव में स्वर्णरेखा नदी इस समय ग्रामीणों के लिए कहर बनकर टूटी है. उफान भरी नदी लगातार तट तोड़ रही है, जिससे कई मकान, खेत और सब्जी बागान पानी में समा चुके हैं. हालात से गांव के लोग दहशत में हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, लगातार भारी बारिश और झारखंड स्थित गालुडी डैम से छोड़े गये पानी के कारण स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. तेज बहाव से नदी ने तट तोड़ना शुरू कर दिया है. अब तक कई मकान और खेल का मैदान नदी की धारा में बह गये हैं. लगभग ढाई सौ परिवार वाले इस गांव के लोग पलायन की आशंका जता रहे हैं. बताया जाता है कि इससे पहले राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने मालिंचा गांव का दौरा कर प्रशासन को नदी तट को मजबूत करने के निर्देश दिये थे. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं, जिसके चलते मकान लगातार नदी में समा रहे हैं.
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