बंगाल की इकोनॉमी का गला घोंट रही ममता सरकार
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने राज्य में उद्योग के खस्ता हाल पर तृणमूल सरकार पर साधा निशाना
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने राज्य में उद्योग के खस्ता हाल पर तृणमूल सरकार पर साधा निशाना कोलकाता. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद शमिक भट्टाचार्य ने राज्य की अर्थ-व्यवस्था व उद्योगों की स्थिति पर तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. रविवार को सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल के 15 साल लंबे शासन के दौरान बंगाल में कोई बड़ी इंडस्ट्री नहीं आयी. यहां की अर्थ-व्यवस्था सबसे निचले स्तर पर है, बंगाल सरकार पूरी तरह कर्ज में डूबी हुई है. नये उद्योग आना तो दूर, यहां के पुराने बड़े उद्योग भी बंद हो रहे हैं. राज्य के पुराने औद्योगिक आंकड़ों की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि 1950-51 में पश्चिम बंगाल ने देश के कुल इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 24 प्रतिशत का योगदान दिया था, लेकिन 2021-22 में यह घटकर 3.5 प्रतिशत रह गया है, जो “शर्मनाक गिरावट” है. उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में 101 जूट मिलें थीं, 1960-61 में प्रोडक्शन नौ लाख मेट्रिक टन था, लेकिन 2025 में यह घटकर सात लाख मेट्रिक टन हो गया है. इंडस्ट्री में विकास का कोई नामोनिशान नहीं दिख रहा है, बल्कि लगातार गिरावट आ रही है. उन्होंने न सिर्फ़ जूट इंडस्ट्री बल्कि बैंकिंग सेक्टर का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 1955 में, देश के कुल बैंकिंग ट्रांज़ैक्शन में पश्चिम बंगाल का हिस्सा 28 प्रतिशत था, लेकिन 2024 में यह घटकर 6 प्रतिशत रह गया. 1991 में भारत में कुल एफडीआइ का 12 प्रतिशत पश्चिम बंगाल को मिला, यानी देश में पहला स्थान था. लेकिन 2023-24 में यह योगदान एक प्रतिशत से भी नीचे गिर गया और पांच साल 2019-2024 में कुल एफडीआइ सिर्फ़ 0.66 प्रतिशत रहा. शमिक भट्टाचार्य ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की राजनीतिक जिद के कारण पश्चिम बंगाल गुजरात नहीं बन सका. उन्होंने लोकप्रियता की राजनीति में राज्य की अर्थव्यवस्था को अंधेरे में धकेल दिया है.
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