बुआ सास की हत्या के मामले में मां-बेटी को आजीवन कारावास

मध्यमग्राम में बुआ सास सुमिता घोष की हत्या के मामले में सोमवार को बारासात कोर्ट ने आरोपी मां-बेटी आरती घोष और फाल्गुनी घोष को आजीवन कारावास की सजा सुनायी

By SUBODH KUMAR SINGH | November 4, 2025 12:21 AM

बारासात कोर्ट ने सुनाया फैसला, पहले सात वर्ष सबूत नष्ट करने की सजा काटनी होगी

प्रतिनिधि, बारासात.

मध्यमग्राम में बुआ सास सुमिता घोष की हत्या के मामले में सोमवार को बारासात कोर्ट ने आरोपी मां-बेटी आरती घोष और फाल्गुनी घोष को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. इसके साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना अदा न करने पर उन्हें छह महीने की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी. शनिवार को अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया था और आठ माह के भीतर इस मामले की सुनवाई पूरी की गयी. कोर्ट ने हत्या के साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में सात वर्ष के कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनायी है. अदालत ने स्पष्ट किया कि पहले सात वर्ष की सजा काटनी होगी, उसके बाद आजीवन कारावास की अवधि शुरू होगी.

मामला इस वर्ष फरवरी माह का है. आरोप है कि आरती और फाल्गुनी घोष ने सुमिता घोष की हत्या कर उसके शव को ट्रॉली बैग में भरकर अगले दिन कोलकाता के कुम्हारटोली घाट में फेंकने की कोशिश की थी. लेकिन स्थानीय लोगों के संदेह पर दोनों को वहीं पकड़ लिया गया और ट्रॉली से शव बरामद हुआ. जांच में खुलासा हुआ कि मृतका सुमिता घोष पहले असम में अपने भाई के घर रहती थीं. उनकी भतीजी फाल्गुनी घोष ने सुमिता के भाई के बेटे से विवाह किया था. पारिवारिक विवाद और आर्थिक तंगी के कारण फाल्गुनी अपनी मां आरती के साथ मध्यमग्राम आकर रहने लगी. पुलिस जांच में पता चला कि झगड़े के दौरान फाल्गुनी ने सुमिता के सिर पर भारी वस्तु से वार किया, जिससे वह गिर पड़ीं. इसके बाद मां-बेटी ने मिलकर गला घोंटकर उसकी हत्या की और शव के टुकड़े कर गहने निकाल लिये. गहनों को बेचकर दोनों को करीब दो लाख 59 हजार रुपये मिले, जिनसे फाल्गुनी ने नये गहने खरीदे थे. पुलिस ने इस मामले में 32 गवाहों के बयान दर्ज किये थे. सबूतों और गवाही के आधार पर अदालत ने मां-बेटी को दोषी ठहराते हुए सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी.

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