कुछ बीएलओ को जनवरी में स्कूलों में लौटने दें : पर्षद
शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि यदि अधिकतर शिक्षक एसआइआर में लगे रहेंगे तो शिक्षा प्रभावित होगी.
कोलकाता. पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह मौजूदा एसआइआर में बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के रूप में काम कर रहे कुछ शिक्षकों को स्कूलों में लौटने की अनुमति दे, क्योंकि उनकी लगातार अनुपस्थिति से विद्यार्थियों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. पत्र में डब्ल्यूबीबीएसई सचिव सुब्रत घोष ने निर्वाचन आयोग से इन शिक्षकों को जनवरी से अपने-अपने विद्यालयों में कार्यभार संभालने की अनुमति देने की अपील की है. इसमें कहा गया है कि चूंकि 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में होनेवाली हैं और उसके लिए विद्यालयों को व्यवस्था करनी है, जिसमें शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि यदि अधिकतर शिक्षक एसआइआर में लगे रहेंगे तो शिक्षा प्रभावित होगी.
मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) से संबंधित कार्य के लिए कई दिनों तक अनुपस्थित रहते हैं तो स्कूलों के लिए कक्षाएं संचालन करना बेहद मुश्किल होगा.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज अग्रवाल ने कहा कि इस संबंध में निर्णय निर्वाचन आयोग को लेना है. जब उनसे पत्र के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘सीईओ का कार्यालय केवल निर्वाचन आयोग के निर्देशों को लागू कर रहा है.’
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस समर्थित ‘बीएलओ ऐक्यो मंच’ के प्रतिनिधि स्वप्न मंडल ने कहा कि बड़ी संख्या में बीएलओ डेढ़ महीने से अधिक समय से बच्चों को नहीं पढ़ा रहे हैं और स्कूलों में कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
