बंगाल में जंगलराज, अप्रैल से असली सुशासन
ज्य की कानून-व्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर विधानसभा में नेता, प्रतिपक्ष व भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला. नंदीग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल बंगाल में जंगलराज चल रहा है और असली सुशासन अप्रैल के बाद आयेगा.
हल्दिया
. राज्य की कानून-व्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर विधानसभा में नेता, प्रतिपक्ष व भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला. नंदीग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल बंगाल में जंगलराज चल रहा है और असली सुशासन अप्रैल के बाद आयेगा. अधिकारी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी और वही सरकार वास्तविक सुशासन स्थापित करेगी. शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “वर्ष 2011 में लोगों ने संघर्ष कर सत्ता परिवर्तन जरूर किया था, लेकिन वह बदलाव वास्तविक नहीं था. उस परिवर्तन से कुछ खास लोगों के घर बने और प्रभावशाली वर्ग मजबूत हुआ, लेकिन आम गरीब जनता की हालत जस की तस बनी रही. असली परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्शों और उनके नेतृत्व में ही संभव है. उसी से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ‘सपनों का बंगाल’ साकार होगा.” राज्य की कानून-व्यवस्था पर हमला बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि आज बंगाल में खुलेआम अराजकता और लूटपाट हो रही है. उन्होंने कहा कि सड़कों पर ट्रक रोककर लूट की घटनायें सामने आ रही हैं और सरकार नाम की कोई चीज नजर नहीं आती. अधिकारी का आरोप था कि राज्य कुछ असामाजिक तत्वों, कट्टरपंथियों और उन्मादियों के हाथ में चला गया है.बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों का जिक्र करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मौजूदा हालात में 1971 जैसी स्थिति की जरूरत है. उन्होंने दावा किया कि ऐसे तत्वों को सबक सिखाने के लिए भारत से ड्रोन भेजने की जरूरत पड़ेगी, जैसा ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था. नियुक्ति और महंगाई भत्ता (डीए) के मुद्दे पर भी उन्होंने राज्य सरकार को घेरा. अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार अदालत के आदेशों का भी पालन नहीं करती. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों को 25 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का निर्देश दिया था, लेकिन सरकार ने अब तक इसे लागू नहीं किया. उन्होंने प्रभावित कर्मचारियों से अदालत की अवमानना का मामला दायर करने की बात कही. समाधान के सवाल पर शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “वही रास्ता है, जो नंदीग्राम ने वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में दिखाया था. नंदीग्राम ने बहुत पहले समझ लिया था कि अगर मौजूदा मुख्यमंत्री के हाथ में सरकार रही तो राज्य का नुकसान होगा. अगर पूरे बंगाल के लोग उस रास्ते को समझ लें, तभी मुक्ति संभव है. अन्यथा न किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिलेगा, न महिलाओं को सुरक्षा और न ही बेरोजगारी दूर होगी.”
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
