बीएलओ को नियुक्त करते समय बरतें विशेष सतर्कता

राज्य के जिला मजिस्ट्रेटों (जिला निर्वाचन अधिकारी) को निर्वाचन आयोग (ईसीआइ) ने बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की नियुक्त करते समय विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है. आयोग ने विशेष रूप से कहा है कि पारा शिक्षकों को बीएलओ के रूप में नियुक्त करने से बचा जाये.

By BIJAY KUMAR | October 18, 2025 10:01 PM

कोलकाता.

राज्य के जिला मजिस्ट्रेटों (जिला निर्वाचन अधिकारी) को निर्वाचन आयोग (ईसीआइ) ने बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की नियुक्त करते समय विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है. आयोग ने विशेष रूप से कहा है कि पारा शिक्षकों को बीएलओ के रूप में नियुक्त करने से बचा जाये. यह चेतावनी विपक्षी दलों की ओर से आयीं शिकायतों के बाद दी गयी है, जिनमें आरोप लगाया गया है कि कई जिलों में पारा शिक्षकों को बीएलओ बनाया गया है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि यदि किसी जिले में पहले से किसी पारा-शिक्षक को बीएलओ नियुक्त किया गया है, तो उसे आयोग द्वारा निर्धारित पात्रता मानकों के अनुसार किसी अन्य योग्य व्यक्ति से बदल दिया जाये.

निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्य सरकार के स्थायी कर्मचारी और सरकारी स्कूलों के स्थायी शिक्षक, जिन्हें भविष्य निधि, पेंशन या ग्रेच्युटी जैसी सेवानिवृत्ति सुविधाएं प्राप्त होती हैं, उन्हें बीएलओ नियुक्ति में प्राथमिकता दी जानी चाहिए. विशेष परिस्थितियों में, जब ऐसे स्थायी कर्मचारी उपलब्ध न हों, तो संविदा कर्मचारी को सीईओ कार्यालय की अनुमति से बीएलओ के रूप में नियुक्त किया जा सकता है.

पारा शिक्षक संविदा पर नियुक्त किये गये शिक्षक होते हैं, जिन्हें राज्य सरकारें विशेष रूप से दूरदराज या शिक्षकों की कमी वाले इलाकों में शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए नियुक्त करती हैं. इसी बीच, सीईओ कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, यह भी निर्देश दिया गया है कि वे बीएलओ की उन शिकायतों पर ध्यान दें जिनमें फर्जी नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए धमकी या डराने-धमकाने की घटनाओं की बात कही गयी है.

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