टीएमसी से निलंबित हुमायूं कबीर ने बनायी जनता उन्नयन पार्टी, कहा- ममता बनर्जी 100 सीटें भी नहीं जीत पायेंगी
Humayun Kabir New Party: पश्चम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने बंगाल चुनाव 2026 से पहले अपनी नयी पार्टी बना ली है. उन्होंने दावा किया है कि मुर्शिदाबाद में कहीं से वह तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीतने नहीं देंगे. उनका उद्देश्य ममता बनर्जी की पार्टी को पराजित करना है. उन्होंने आरोप लगााय कि ममता बनर्जी अब आम आदमी की पहुंच से दूर हो गयीं हैं.
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Humayun Kabir New Party: तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में नयी पार्टी के गठन का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि उनकी नयी पार्टी का नाम जनता उन्नयन पार्टी (जेयूपी) होगा. हालांकि, पार्टी के नाम पर अंतिम फैसला निर्वाचन आयोग लेगा. हुमायूं कबीर ने कहा है कि बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 100 सीटें भी नहीं जीत पायेंगी.
हुमायूं कबीर ने 7 उम्मीदवारों की घोषणा की
जनता उन्नयन पार्टी के गठन की घोषणा करते हुए हुमायूं कबीर ने विधानसभा चुनाव 2026 के लिए 7 उम्मीदवारों की भी घोषणा की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अभी 7 उम्मीदवारों की घोषणा की है. बाकी उम्मीदवारों की घोषणा बाद में होगी. उन्होंने कहा कि अगली बार ममता बनर्जी की पार्टी सत्ता में नहीं आयेगी. मुर्शिदाबाद में टीएमसी के टिकट पर जो भी चुनाव लड़ेगा, उसकी हार सुनिश्चित होगी.
बाबरी मस्जिद जैसी मस्जिद की आधारशिला रखने पर हुए थे टीएमसी से निलंबित
मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद जैसी मस्जिद की आधारशिला रखने पर तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था. आज बेलडांगा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर ने कहा कि वह खुद मुर्शिदाबाद की 2 सीट, रेजिनगर और बेलडांगा से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
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Humayun Kabir New Party: अब आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं ममता बनर्जी
हुमायूं कबीर ने कहा कि वह बाद में बतायेंगे कि वह बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 में कुल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. पूर्व आईपीएस अधिकारी कबीर ने कहा कि उनका लक्ष्य विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करना है. कहा कि बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में 6 महीने से भी कम समय बचा है. कबीर ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी अब वैसी नहीं रहीं, जैसी वह उन्हें जानते थे. वह आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं.
आगामी विधानसभा चुनावों में कबीर कोई निर्णायक भूमिका नहीं निभायेंगे. उन्हें अपने पुराने मित्र तृणमूल कांग्रेस के साथ करारी हार का सामना करना पड़ेगा, जिसके साथ वह अब भी गुप्त रूप से संपर्क में हैं. बंगाल की जनता कबीर और उनकी नयी पार्टी-दोनों को ही खारिज कर देगी. कबीर विधानसभा चुनावों में ‘भाजपा के वोटों को बांटने’ की कोशिश कर रहे हैं. बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए बंगाल के लोग कबीर के प्रयासों को विफल करेंगे और भाजपा जैसी एक मजबूत राष्ट्रवादी ताकत को चुनेंगे, केवल वही कट्टरपंथियों को हरा सकती है.
शमिक भट्टाचार्य, प्रवक्ता, पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता
ममता बनर्जी और भाजपा ने हुमायूं कबीर को आड़े हाथ लिया
हुमायूं कबीर के नयी पार्टी बनाने पर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ने उन्हें आड़े हाथ लिया. ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा पैसे के दम पर मुस्लिमों का वोट बांट रही है. वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया कि कबीर तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने में मदद करने के लिए काम कर रहे हैं.
टीएमसी से निलंबित हुमायूं कबीर से जुड़ी अहम जानकारियां
- हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद जैसी मस्जिद बनाने की घोषणा की. इस पर बवाल मचा, तो तृणमूल कांग्रेस ने 4 दिसंबर को उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया.
- 6 दिसंबर को कबीर ने रेजिनगर में मस्जिद की नींव रखी. वर्ष 1992 में इसी तारीख को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था.
- हुमायूं कबीर का 10 वर्षों में बंगाल की लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों से संबंध रहा है.
- 2015 में हुमायूं ने ममता बनर्जी की आलोचना की थी, तो उन्हें तृणमूल कांग्रेस ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. हुमायूं कबीर ने कहा था कि ममता बनर्जी ने अपने भीते को ‘राजा’ बनाने की कोशिश कर रहीं हैं.
- हुमायूं कबीर ने 2016 के बंगाल विधानसभा चुनाव में रेजिनगर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार रबीउल आलम चौधरी से हार गये.
- चुनाव हारने के बाद हुमायूं कबीर कांग्रेस में शामिल हो गये. कांग्रेस की उस वक्त जिले में अच्छी पकड़ थी. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कबीर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये.
- भाजपा ने उन्हें मुर्शिदाबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया. इस बार कबीर तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बाद तीसरे स्थान पर रहे.
- विधानसभा और लोकसभा चुनाव हारने के बाद बंगाल चुनाव 2021 में वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए और भरतपुर से विधायक निर्वाचित हुए.
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