सरफेसी अधिनियम को लेकर हाइकोर्ट ने की अहम टिप्पणी
अपीलकर्ता ने प्रस्तुत किया कि अपीलकर्ता ने सरफेसी अधिनियम के तहत एक अचल संपत्ति खरीदी थी, लेकिन बैंक वास्तविक भौतिक कब्जा देने में विफल रहा.
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने माना है कि एक सुरक्षित लेनदार सरफेसी अधिनियम की धारा 14 के तहत एक अचल संपत्ति की भौतिक कब्जा प्राप्त करने का अनुरोध कर सकता है, भले ही उस संपत्ति को एक खरीदार को बेच दिया गया हो. यह अपील एकल न्यायाधीश द्वारा रिट याचिका में पारित एक आदेश के खिलाफ दायर की गयी है, जिसमें एसबीआइ को एक अचल संपत्ति का भौतिक कब्जा देने से इनकार कर दिया गया था. अपीलकर्ता ने प्रस्तुत किया कि अपीलकर्ता ने सरफेसी अधिनियम के तहत एक अचल संपत्ति खरीदी थी, लेकिन बैंक वास्तविक भौतिक कब्जा देने में विफल रहा. बैंक ने अधिनियम की धारा 14 के तहत एक आवेदन दायर किया, जिसे जिला मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया. इसके बाद, बैंक ने डीएम द्वारा पारित आदेश को रद्द करने के लिए एक रिट याचिका दायर की, लेकिन एकल न्यायाधीश ने आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया. इस मामले की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि डीएम और एकल न्यायाधीश दोनों ने अधिनियम की धारा 14 के तहत राहत देने से इनकार करने में गलती की. अदालत ने डीएम के आदेश को रद्द कर दिया और उसे दो सप्ताह के भीतर आवेदन पर नये सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया. यह भी निर्देश दिया कि एसबीआइ को चार सप्ताह के भीतर संपत्ति का भौतिक कब्जा दिया जाये.
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