बांग्लादेश की जेल से रिहा हुए काकद्वीप के चार मछुआरे
गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के दौरान गलती से अंतरराष्ट्रीय जल सीमा पार कर बांग्लादेश में घुस जाने के बाद काकद्वीप के चार मछुआरों को वहां गिरफ्तार कर लिया था.
संवाददाता, कोलकाता
गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के दौरान गलती से अंतरराष्ट्रीय जल सीमा पार कर बांग्लादेश में घुस जाने के बाद काकद्वीप के चार मछुआरों को वहां गिरफ्तार कर लिया था. करीब पांच महीने की लंबी कैद झेलने के बाद वे सुरक्षित अपने घर लौट आये. उनकी इस वापसी का श्रेय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप और राज्य सरकार की लगातार कोशिशों को दिया जा रहा है.
परिवारों के अनुसार, पूरे प्रकरण में मुख्यमंत्री बनर्जी के साथ-साथ तृणमूल कांग्रेस के विधायक मंटूराम पाखिरा लगातार संपर्क में रहे और हर स्तर पर मामले को प्राथमिकता दिलायी. लंबी कैद के बाद घर लौटे मछुआरों ने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की है. मछुआरे विश्वनाथ दास ने कहा, “हम पांच महीने जेल में थे. हमें वापस लाने की व्यवस्था करने के लिए मैं राज्य सरकार का आभारी हूं.” अन्य मछुआरा झंटू दास ने बताया, “हम जुलाई में समुद्र में गये थे. 12 जुलाई को खराब मौसम की वजह से हम बांग्लादेश की जल सीमा में पहुंच गये और वहां की कोस्ट गार्ड ने हमें पकड़ लिया.
लगभग पांच महीने तक हम कैदी की तरह रहे. थोड़े से खाने और एक कंबल के सहारे दिन काटते थे. लगता था कि शायद कभी वापस नहीं लौट पायेंगे.
सरकार व प्रशासन की कोशिशों से ही हम मुक्त हो सके.” एक अन्य मछुआरे शेख फरीद ने कहा, “हम बहुत कठिन परिस्थिति में थे और लगभग उम्मीद खो चुके थे. आज हम अपने परिवार से मिल पाये हैं, तो यह सिर्फ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कारण संभव हुआ है. मैं उनका धन्यवाद करता हूं.” स्वप्न दास ने बताया, “जिला प्रशासन हमें लगातार जानकारी दे रहा था कि राज्य सरकार हमें वापस लाने के प्रयास कर रही है.” मछुआरों की सुरक्षित वापसी के बाद काकद्वीप क्षेत्र में राहत और खुशी का माहौल है.
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