अवैध बालू खनन व तस्करी कांड में इडी की रेड

राज्य में अवैध बालू खनन व तस्करी के अंधेरे नेटवर्क पर एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने शिकंजा कस दिया है.

By SUBODH KUMAR SINGH | December 2, 2025 1:19 AM

40-50 अधिकारियों की बनी अलग-अलग टीमें

संवाददाता, कोलकाता.

राज्य में अवैध बालू खनन व तस्करी के अंधेरे नेटवर्क पर एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने शिकंजा कस दिया है. सोमवार सुबह राज्यभर में इडी की कई टीमें एक साथ कार्रवाई में उतर गयीं. कोलकाता के पार्क स्ट्रीट, न्यू अलीपुर, आम्हर्स्ट स्ट्रीट के अलावा उत्तर 24 परगना के न्यूटाउन, दक्षिण 24 परगना के महेशतला, झाड़ग्राम के गोपीबल्लवपुर के अलावा मुर्शिदाबाद सहित आठ से ज्यादा जगहों में एक साथ छापेमारी शुरू की गयी. अभियान के दौरान इडी अधिकारियों के साथ सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) के जवान भी साथ रहे. छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज, डिजिटल उपकरण व अन्य सामान जब्त किये जाने की बात सामने आयी है. हालांकि, इडी की ओर से इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है.

इस दिन तड़के के इस अचानक अभियान से बालू कारोबार से जुड़े कई समूहों में हड़कंप मच गया. सूत्रों के मुताबिक, इडी की लगभग 40-50 अधिकारियों की टीमें अलग-अलग दलों में बंटकर कई कारोबारियों के घर और कार्यालयों में दाखिल हुईं. कई स्थानों पर बड़ी संख्या में केंद्रीय सुरक्षाबल मौजूद रहे. जांच के दौरान कई घरों को चारों ओर से घेरकर भीतर तलाशी ली गयी. हालांकि, अभी तक किसी गिरफ्तारी की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आयी है. इडी की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई की पृष्ठभूमि में पिछले वर्ष नवंबर की जांच को अहम माना जा रहा है. बालू तस्करी मामले में गिरफ्तार कारोबारी अरुण सराफ को इस रैकेट का अहम चेहरा बताया जाता है. उस पर 78 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के आरोप है. सितंबर में सॉल्टलेक स्थित उसके कार्यालय में छापेमारी हुई थी. इसके बाद उन्हें सात घंटे की लंबी पूछताछ का सामना करना पड़ा. अंततः उन्हें हावड़ा के बाली क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ से इडी को कई महत्वपूर्ण कड़ियां मिलीं जिनके आधार पर अब जांच तेज कर दी गयी है. सोमवार सुबह झाड़ग्राम के गोपीबल्लवपुर के आटांगी गांव में सबसे नाटकीय छापेमारी हुई. तड़के ही केंद्रीय बल के जवानों ने स्थानीय एक बालू कारोबारी के घर को चारों तरफ से घेर लिया. इडी अधिकारी भीतर दाखिल हुए और कमरों, अलमारियों तथा डिजिटल उपकरणों की बारीकी से जांच की. स्थानीय सूत्रों का कहना है कि तलाशी के दौरान कुछ लैपटॉप और डिजिटल डिवाइस जब्त किये गये हैं, हालांकि एजेंसी की ओर से अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है.

इससे पहले अक्तूबर के अंत में भी इसी मामले में 22 ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी. उस दौरान काफी संख्या में दस्तावेज, डिजिटल सबूत और कथित फर्जी चालान बरामद किये गये थे. इडी का मानना है कि यही फर्जी चालान बालू तस्करी से जुड़े आर्थिक लेनदेन के मुख्य दस्तावेज हैं. राज्य में बालू माफिया का नेटवर्क लंबे समय से राजनीतिक विवाद का विषय रहा है. विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि सरकारी संरक्षण में यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है. इडी की सोमवार की कार्रवाई ने इस मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला दिया है. जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने संकेत दिया कि यह सिर्फ शुरुआत है और आने वाले दिनों में कई और बड़े नाम इस मामले में सामने आ सकते हैं. कोलकाता से लेकर झाड़ग्राम और मुर्शिदाबाद तक फैले इस समन्वित अभियान ने स्पष्ट कर दिया है कि इडी अब बालू तस्करी मामले को निर्णायक मुकाम तक ले जाने की तैयारी में है. तलाशी में बरामद दस्तावेजों और डिजिटल डाटा की जांच के बाद और भी स्थानों पर छापेमारी की संभावना है.

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