बंगाल में बीएलओ के आंदोलन का चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान, कोलकाता पुलिस से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट
ECI on BLO Protest in West Bengal: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 से पहले जारी एसआईआर के विरोध में बूथ लेवल अधिकारियों ने राजधानी कोलकाता स्थित मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय पर सोमवार को जमकर प्रदर्शन किया. चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए कोलकाता पुलिस से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने घसीटकर सीईओ कार्यालय से दूर किया था.
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ECI on BLO Protest in West Bengal: कोलकाता में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के बाहर बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के एक वर्ग के 30 घंटे तक चले आंदोलन पर चुनाव आयोग ने कोलकाता पुलिस से 48 घंटे के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने इसे सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन करार दिया है. बीएलओ ने विरोध प्रदर्शन करते हुए बंगाल के सीईओ कार्यालय में घुसने की कोशिश की थी. उनका आरोप है कि उन्हें अत्यधिक दबाव में काम करना पड़ रहा है.
प्रदर्शनकारियों ने की थी सीईओ ऑफिस में घुसने की कोशिश
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर बूथस्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) ने सीईओ कार्यालय में घुसने की कोशिश की, तो पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गयी. पुलिस ने उन्हें घसीटकर वहां से हटाया. इससे पहले, उत्तर कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से निकले जुलूस में बीएलओ ने ताले और बेड़ियों के साथ प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया. उन्होंने सीईओ कार्यालय के मेन गेट को बंद करने की कोशिश की.
काम का दबाव असहनीय होने का आरोप
बीएलओ अधिकार रक्षा समिति के सदस्यों का कहना है कि उन्हें कम समय में वह काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है, जो आमतौर पर 2 साल से अधिक समय लेता है. एक पदाधिकारी ने दावा किया कि कई बीएलओ बीमार पड़ रहे हैं और तनाव के कारण 2 अधिकारियों की मौत भी हो चुकी है. समिति ने चेतावनी दी कि समयसीमा नहीं बढ़ायी गयी, तो निरंतर विरोध जारी रहेगा. एक अन्य संगठन बीएलओ एक्य मंच ने गणना प्रपत्रों के डिजिटलीकरण से जुड़ी समस्या का मुद्दा उठाया और अतिरिक्त सहायक कर्मचारियों की मांग की.
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साकेत गोखले ने चुनाव आयोग से कही थी ये बात
तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने कहा कि यदि निर्वाचन आयोग वास्तव में स्वतंत्र है, तो उसे बीएलओ की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और एसआइआर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना चाहिए.
ECI on BLO Protest: आयोग ने आरोपों को किया था खारिज
आयोग ने काम के दबाव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि बंगाल में हर बीएलओ औसतन 250 परिवारों और 900 से 1,000 वोटरों की जिम्मेदारी संभालते हैं. बंगाल में सोमवार सुबह तक 60 फीसदी डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका था और मंगलवार रात तक इसके 85 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान आयोग ने जताया था. आयोग ने साफ कहा था कि किसी भी दबाव में एसआईआर का काम रोका नहीं जा सकता.
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