डिविजन बेंच का फैसला मानवता की जीत : कल्याण

न्याय इनोवेटिव आइडिया के आधार पर नहीं चलता है. अभिजीत गांगुली एक इनोवेटिव आइडिया बन गये थे.

By GANESH MAHTO | December 8, 2025 1:28 AM

प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का मामला

हुगली. प्राथमिक शिक्षक भर्ती में 32 हजार नियुक्तियों को बहाल रखने संबंधी डिविजन बेंच के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बंद्योपाध्याय ने रविवार को इसे मानविकता और न्याय का फैसला बताया. सभा को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि जिस व्यक्ति में मानवता नहीं है, वह मनुष्यता से वंचित है. फैसले की हर पंक्ति में साफ कहा गया है कि भ्रष्टाचार सिद्ध नहीं हुआ है. न्याय इनोवेटिव आइडिया के आधार पर नहीं चलता है. अभिजीत गांगुली एक इनोवेटिव आइडिया बन गये थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि अभिजीत गांगुली ने उन लोगों के लिए रास्ता खोला जो मेरिट लिस्ट में नहीं थे और उन्हीं के कारण योग्य उम्मीदवारों की नौकरी छिन गयी थी. क्या मतलब यह है कि सिर्फ वामपंथी ही नौकरी करेंगे, आम लोग नहीं? सांसद के अनुसार डिविजन बेंच का निर्णय किसी कानूनी आधार पर चुनौतीपूर्ण नहीं है, बल्कि वास्तविक न्याय का उदाहरण है.

कल्याण बंद्योपाध्याय ने सोनाली बीबी को देश लौटाने के मामले को मानवता का उदाहरण बताकर कहा कि वामपंथियों के पतन का असली कारण उनकी मानवता का समाप्त होना है. सिंगुर और किसानों का आंदोलन मानवता का प्रश्न था, जिसे बुद्धदेव और वामपंथी देख नहीं सके, इसलिए आज वे शून्य हैं और आगे भी शून्य ही रहेंगे.

उन्होंने कहा कि सरकार योग्य और नये उम्मीदवारों को नौकरी देने का प्रयास कर रही है, जबकि विपक्ष भ्रम फैलाने में जुटा है.

प्राथमिक भर्ती में कोई फर्जीवाड़ा नहीं, नियुक्ति क्वालिफिकेशन और इंटरव्यू के आधार पर हुई है.

गीता पाठ को लेकर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए सांसद ने कहा, पांच लाख लोगों की भीड़ जुटाने का दावा करने वाली भाजपा अपने बाप-दादा के जमाने में भी ऐसा नहीं कर सकती है. वे पांच लाख गिन भी नहीं सकते हैं. राज्य में भाजपा के अयोग्य और अशिक्षित नेता कभी जनता के दिल में जगह नहीं बनायेंगे.

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